जिला समितियों में अल्पसंख्यकों को मिला कम प्रतिनिधित्व, द्रमुक में विरोध
तमिलनाडु जिला समितियों में अल्पसंख्यकों को मिला कम प्रतिनिधित्व, द्रमुक में विरोध
- अल्पसंख्यक समुदायों का प्रतिनिधित्व
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। पार्टी की नई जिला समितियों में अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर मुसलमानों को कम प्रतिनिधित्व दिए जाने को लेकर द्रमुक में विरोध शुरू हो गया है।
कैडर और कुछ जिला पदाधिकारी चुनाव के बजाय समितियों के लिए एकतरफा नामांकन से नाराज हैं। पुनर्गठित जिला समितियों के कई नेताओं ने नवगठित समितियों का विवरण एकत्र किया और पाया कि समितियों में अल्पसंख्यक समुदायों का प्रतिनिधित्व कम था।
तिरुचि से पार्टी के एक जिला नेता ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, मैं खुलकर सामने नहीं आ सकता, लेकिन द्रमुक धीरे-धीरे एक ऐसे राजनीतिक दल में बदल रही है, जिसमें बहुत सारे चाटुकार राज्य नेतृत्व को गलत राय दे रहे हैं। हमारी पार्टी में पहले जिला समितियों में सभी लोगों को समान प्रतिनिधित्व मिलता था। दुर्भाग्य से नवगठित जिला समितियों में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों की कमी है।
नेता ने कहा कि राज्यभर के कई असंतुष्ट नेता पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से शिकायत की और उनसे कहा कि अगर इस मुद्दे को तुरंत हल नहीं किया गया तो पार्टी आम चुनावों में अपनी जमीन खो देगी।
एक अन्य नेता ने आईएएनएस को बताया कि पार्टी के प्रभावशाली नेताओं ने कार्यकर्ताओं को जिला समितियों में लोगों को चुनने के उचित अवसर से वंचित कर दिया और इसके बजाय पार्टी के प्रभावशाली नेताओं की पसंद के अनुसार जिला समिति के सदस्यों को नियुक्त किया।
आईएएनएस
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