योगी के नए फरमान से उड़ी मंत्री और अफसरों की नींद, अब सब बताएंगे किसने कहां जमा की कितनी प्रॉपर्टी
योगी के तेवर योगी के नए फरमान से उड़ी मंत्री और अफसरों की नींद, अब सब बताएंगे किसने कहां जमा की कितनी प्रॉपर्टी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोबारा सूबे की कमान संभालने के बाद सख्त रूख अख्तियार कर लिया है। यूपी में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस को जमीन पर उतारने में सूबे की सरकार भरसक प्रयास करती दिख रही है। योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में मंगलवार को बड़ा फैसला लिया है।
सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) तथा प्रांतीय प्रशासनिक सेवा (पीसीएस) के अधिकारियों को अपने और अपने परिवार के सदस्यों की समस्त चल-अचल संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करने का निर्देश दिया है। साथ ही ये भी कहा गया है कि किसी भी मंत्री के परिवार का शासकीय कार्यों में हस्तक्षेप न हो।
तीन माह के भीतर संपत्ति को सार्वजनिक करें
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को आयोजित के विशेष बैठक में कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जनप्रतिनिधियों के आचरण की शुचिता अति आवश्यक है। सीएम योगी ने आगे कहा कि सभी मंत्री गण शपथ लेने के अगले तीन माह की अवधि के भीतर अपने और अपने परिवार के सदस्यों की समस्त चल व अचल संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करें। गौरतलब है कि बीते 25 मार्च को मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली थी।
अधिकारियों को सार्वजनिक करनी पडे़गी संपत्तियां
योगी आदित्यनाथ ने बैठक के दौरान कहा कि सभी लोक सेवक (आईएएस व पीपीएस) अपनी व अपने परिवार की संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करें और यह विवरण आम जनता के लिए भी ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाए। शासकीय कार्यों में मंत्रियों के परिवार के हस्ताक्षेप की शिकायत पर सीएम योगी ने सख्त ऐतराज जताया और कहा कि मंत्रियों के परिवार के सदस्यों से शासकीय कार्यों में बाधा न पहुंचाने की अपेक्षा की गई है।
जनता के द्वार पहुंचेगी सरकार
सीएम योगी ने कहा कि हमें अपने आचरण से आदर्श प्रस्तुत करना होगा। आदित्यनाथ ने यह भी कहा, अब सरकार "जनता के द्वार" पहुंचेगी और आगामी विधानसभा सत्र से पूर्व मंत्रियों को प्रदेश भ्रमण का कार्य पूरा कर लेना होगा। इस सिलसिले में 18 मंत्री समूह गठित किए गए हैं और प्रदेश के सभी मंडलों का दौरा करेंगे तथा जमीनी हालात को परखेंगे। तथा मंत्री समूहों के हर सदस्य को रात्रि विश्राम किसी जिले में करना होगा। एक सरकारी बयान के मुताबिक, हर टीम अपनी भ्रमण रिपोर्ट को मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष प्रस्तुत करेगी। मंत्रिपरिषद की बैठक में फिर दिए गए रिपोर्ट पर चर्चा होगी। उसके पश्चात जनहित में और कदम उठाए जाएंगे।