चुनाव के लिए सीएम चेहरा तैयार करेगी तृणमूल : महुआ मोइत्रा

गोवा चुनाव के लिए सीएम चेहरा तैयार करेगी तृणमूल : महुआ मोइत्रा

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-17 18:00 GMT
चुनाव के लिए सीएम चेहरा तैयार करेगी तृणमूल : महुआ मोइत्रा
हाईलाइट
  • उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के फैसलों में लिंगभेद की भूमिका नहीं होनी चाहिए

डिजिटल डेस्क,पणजी। पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की गोवा प्रभारी महुआ मोइत्रा ने बुधवार को कहा कि साल 2022 की शुरुआत में गोवा में जब चुनाव होगा तो तृणमूल कांग्रेस के पास मुख्यमंत्री पद का चेहरा होगा।

तृणमूल लोकसभा सांसद ने इस तटीय राज्य के लिए मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में किसी महिला को मैदान में उतारे जाने से इनकार नहीं किया, बल्कि उन्होंने संकेत देते हुए कहा, अपनी दूरंदेशी आभा के बावजूद गोवा अभी भी पितृसत्तात्मक मानदंडों में फंसा हुआ है, जहां महिलाएं फैसला लेने की स्थिति में नहीं हैं, विशेषकर विधायिका में।

महुआ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, चुनाव आने तक हमारे पास मुख्यमंत्री पद का चेहरा होगा। हम यह कहते हुए चुनाव में जाएंगे कि यह हमारा मुख्यमंत्री चेहरा है।

गोवा के लिए पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में किसी महिला को मैदान में उतारने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर महुआ ने कहा, निश्चित रूप से, अगर हमें सही उम्मीदवार मिल जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के फैसलों में लिंगभेद की भूमिका नहीं होनी चाहिए।

महुआ ने कहा, तृणमूल किसी मुख्यमंत्री को महिला या पुरुष के रूप में नहीं देखती। मुझे लगता है कि मीडिया और आपको भी इस पर सवाल उठाना चाहिए। क्या आप किसी मुख्यमंत्री से पूछते हैं कि एक्सक्यूज मी सर, आप पुरुष मुख्यमंत्री के रूप कैसा महसूस करते हैं? तब आप एक महिला से क्यों पूछ रहे हैं? लोग मुझसे कहते हैं, आप महिला राजनेता कैसे हैं। मैं कहती हूं, मैं राजनेता हूं। क्या आप किसी आदमी से पूछते हैं, क्या आप पुरुष राजनेता हैं? ।

तो मुझे लगता है कि सवाल की यह पंक्ति भी (गलत है) .. एक सीएम एक सीएम है। यह तथ्य कि वह पुरुष या महिला है, अप्रासंगिक है और हमें पितृसत्तात्मक सोच की इस रेखा से बाहर निकलना होगा। ममता बनर्जी, ममता बनर्जी हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह महिला हैं। वह ममता हैं, मैं महुआ मोइत्रा हूं। मैं महिला सांसद नहीं हूं, मैं सिर्फ सांसद हूं।

महुआ ने गोवा में राज्य विधायिका में महिलाओं की कमी पर भी अफसोस जताया और कहा कि गोवा को एक दूरंदेशी राज्य के रूप में माना जाता है और बताया जाता है कि यहां महिलाओं को आजादी मिली हुई है, जबकि वास्तविक स्थिति काफी अलग है।

उन्होंने कहा, मेरे लिए गोवा हमेशा बहुत आगे और उदार (स्थान) के रूप में सामने आया है। आप हर जगह महिलाओं को देखते हैं और सोचते हैं कि यह एक बहुत ही सशक्त राज्य है, आप आंकड़े पर विश्वास करते हैं। मगर यदि आप देखें तो गोवा में बहुत कम महिला विधायक हैं।

40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में केवल दो महिला विधायक हैं।

तृणमूल सांसद ने कहा, यह मुझे बहुत अजीब लगता है कि गोवा जैसा राज्य अभी भी इस प्रकार के पितृसत्तात्मक मानदंडों में फंस गया है। मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि गोवा में महिलाओं की धारणा और वास्तविकता मेल खाती है।

 

(आईएएनएस)

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