महुआ मोइत्रा अपने बयान से किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहती थीं: थरूर
महुआ मोइत्रा के बयान पर बोले थरूर महुआ मोइत्रा अपने बयान से किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहती थीं: थरूर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के मां काली पर दिए गए बयान का बचाव किया है। मोइत्रा के विवादास्पद बयान के कारण पश्चिम बंगाल में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। थरूर ने कहा कि महुआ मोइत्रा अपने बयान से किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहती थीं।
थरूर ने अपने ट्वीट में कहा, मैं इस पैदा किए गए पूरे विवाद, जिसमें दुर्भावनापूर्ण मंशा है, उससे अपरिचित नहीं हूं। बावजूद इसके मैं महुआ मोइत्रा पर हुए हमले से स्तब्ध हूं। महुआ ने वही कहा है जो सभी हिंदू जानते हैं। हमारे यहां पूजा का रूप अलग-अलग है। भक्त भोग के रूप में जो कुछ चढ़ाते हैं, वह देवी से ज्यादा उनके बारे में बताता है।
थरूर ने आगे कहा, हम ऐसी स्टेज पर आ चुके हैं जहां धर्म के किसी पहलू के बारे में कुछ भी सार्वजनिक तरीके से बोला नहीं जा सकता है। यह लाजिमी है कि महुआ मोइत्रा किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहती थीं।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह सभी से अपील करते हैं कि धर्म से जुड़े मामले को व्यक्तिगत रूप से लोगों पर ही छोड़ दिया जाना चाहिए।
हालांकि कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा है कि पार्टी किसी को भी दूसरों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की मंजूरी नहीं देती है।बेंगलुरु में पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, मैं अन्य पार्टियों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन हमारे विश्वास के प्रतीकों और सार में एक संतुलन बनाए रखा जाना चाहिए और लोगों को सावधान रहना चाहिए, जब वे लोगों की भावनाओं के साथ खेलते हैं जो ऐसे प्रतीकों, संस्कृति और विश्वास में परिलक्षित होते हैं।
महुआ मोइत्रा ने बुधवार को कथित तौर पर अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को अनफॉलो कर दिया। हालांकि, उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को फॉलो करना जारी रखा है।कोलकाता में हाल ही में एक मीडिया कॉन्क्लेव में देवी काली के बारे में उनकी टिप्पणियों को लेकर पार्टी नेतृत्व के साथ उनके बढ़ते मतभेदों के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।
एक विवादास्पद फिल्म पोस्टर पर एक सवाल का जवाब देते हुए, जिसमें एक महिला को देवी काली के रूप में धूम्रपान करते हुए दिखाया गया था, मोइत्रा ने कहा था कि उनके लिए देवी काली मांस खाने वाली और शराब स्वीकार करने वाली देवी हैं। अपने तर्कों के समर्थन में, उन्होंने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में प्रतिष्ठित तारापीठ शक्ति पीठ मंदिर का संदर्भ दिया, जहां देवी काली के ह्यमां तारा स्वरूप की पूजा करते हुए मांस और शराब पेश की जाती है।
उनकी टिप्पणियों की राज्य के भाजपा नेताओं द्वारा कड़ी आलोचना की गई है, जिन्होंने मोइत्रा की टिप्पणियों को पारंपरिक हिंदू धर्म का अपमान बताया। भाजपा नेताओं ने ममता बनर्जी से उनकी पार्टी की सांसद के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की।
बढ़ते विवादों पर प्रतिक्रिया देने में मोइत्रा ने भी कोई देरी नहीं की। उन्होंने एक काउंटर ट्विटर संदेश में कहा, आप सभी से झूठ बोलने वाले संघी आपको बेहतर हिंदू नहीं बना देंगे। मैंने कभी किसी फिल्म या पोस्टर का समर्थन नहीं किया या धूम्रपान के काम का उल्लेख नहीं किया। सुझाव है कि आप तारापीठ में मेरी मां काली के पास जाएं, यह देखने के लिए कि भोग के रूप में क्या खाने-पीने की पेशकश की जाती है। जय मां तारा।इस बीच बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मां काली के बारे में विवादित टिप्पणी के लिए मोइत्रा की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
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