सर्वे में जानें जनता का मूड, गुजरात में कौन सा मुद्दा बिगाड़ सकता है बीजेपी का खेल, आप के लिए साबित होगा फायदेमंद?

गुजरात विधानसभा चुनाव-2022 सर्वे में जानें जनता का मूड, गुजरात में कौन सा मुद्दा बिगाड़ सकता है बीजेपी का खेल, आप के लिए साबित होगा फायदेमंद?

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-04 11:57 GMT
सर्वे में जानें जनता का मूड, गुजरात में कौन सा मुद्दा बिगाड़ सकता है बीजेपी का खेल, आप के लिए साबित होगा फायदेमंद?

डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है। पहले चरण का चुनाव 1 दिसंबर व दूसरे चरण का चुनाव 5 दिसंबर को होना है। जबकि 8 दिसंबर को चुनाव के नतीजे आएंगे। आजकल गुजरात राजनीतिक दलों के लिए सियासी रण बन चुका है। बीजेपी, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी सत्ता पर कब्जा जमाने के लिए चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। माना जा रहा है कि इस बार आम आदमी पार्टी बीजेपी को गुजरात में सीधे टक्कर दे रही है।

ऐसे में गुजरात में हर दिन चुनाव का माहौल रोमांचक होता जा रहा है। गुजरात में हो रहे चुनाव को देखते हुए एबीपी-सी वोटर ने एक सर्वे किया है। जिसमें जनता की राय जानने की कोशिश की गई है। सी-वोटर सर्वे में सवाल पूछा गया है कि इस बार गुजरात चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा क्या होगा? इस पर जनता ने क्या जवाब दिया, आइए जानते हैं।

जनता से पूछा गया सवाल

सी-वोटर सर्वे में पूछा गया कि इस बार गुजरात चुनाव के लिए सबसे बड़ा मुद्दा क्या होगा? इस सवाल का जवाब देते हुए गुजरात के लोगों ने बताया कि उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है। सी-वोटर सर्वे में पूछे गए सवाल में 33 फीसदी लोगों ने बेरोजगारी को लेकर बड़े सवाल खड़ा किए हैं। वहीं 18 फीसदी लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं सबसे बड़ा मुद्दा हैं।

15 प्रतिशत लोगों के लिए किसान सबसे बड़ा मुद्दा तो वहीं कोरोना में सरकार का काम 4 प्रतिशत, महंगाई 5 प्रतिशत, कानून व्यवस्था 3 प्रतिशत, भ्रष्टाचार 6 प्रतिशत, राष्ट्रीय मुद्दे 2 प्रतिशत और 14 प्रतिशत ने अन्य मुद्दों को वोट दिया। ऐसे में ये माना जा रहा है कि गुजरात चुनाव में ये मुद्दा अगर हावी रहा तो सत्ताधारी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और विपक्षी पार्टियों को इसका फायदा जरूर मिलेगा।

गुजरात चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा

 चुनावी मुद्दा जनता की राय(प्रतिशत में)

बेरोजगारी

 33%

महंगाई

 5%

बुनियादी सुविधाएं

18%

 कोरोना में काम

 4%

 किसान

15%

 कानून व्यवस्था

 3%

 भ्रष्टाचार

 6%

 राष्ट्रीय मुद्दे

 2%

 अन्य

 14% 

 

 

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