जरूरत की पैदाइश नहीं, हमारी सभ्यता से जुड़ी विरासत है एकता : आरिफ मोहम्मद खान
केरल जरूरत की पैदाइश नहीं, हमारी सभ्यता से जुड़ी विरासत है एकता : आरिफ मोहम्मद खान
डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार को कहा कि जरूरत के कारण एकता पैदा नहीं हुई है, बल्कि यह हमारी सभ्यता और संस्कृति से जुड़ी विरासत है।
उन्होंने यहां कैपिटल फांउडेशन अवार्ड फॉर 2020 के विजेताओं को सम्मानित करने के बाद कहा, अगर हम विश्व की सभ्यताओं की ओर देखें तो हमें पता चलेगा कि किसी भी सभ्यता के विकास के लिये एकता जरूरी है।
राज्यपाल खान ने कहा कि दुनिया की अन्य सभ्यताओं में एकता इसीलिये मिलती है कि वहां अधिकतर लोग या तो समान नस्ल के थे, या समान भाषा बोल रहे थे या समान धार्मिक परंपराओं को पालन कर रहे थे।
उन्होंने कहा, लेकिन भारत में सभ्यता की शुरूआत से ही बात अलग थी। वैदिक युग में भी विविध भाषा और धर्म के अलग-अलग पंथ यहां मौजूद थे। भारतीय समाज ने कभी भी एक शासक और ताकतवर को अपना आदर्श स्वीकार नहीं किया बल्कि हमेशा विचारकों को आदर्श माना।
राज्यपाल ने कहा कि केवल भारतीय सभ्यता में ज्ञान और बुद्धिमता की बात की जाती है और यही ज्ञान तथा बुद्धिमता हमारी विरासत और संस्कृति है। स्वामी विवेकानंद और स्वामी रंगनाथनंदा इसके बारे में बात करते हैं।
श्रीमद्भागवत गीता का उद्धृत करते हुये स्वामी रंगनाथनंदा ने कहा था कि मॉं सरस्वती के आराधक से हम मॉं सरस्वती के दुश्मन के रूप में बदल गये।
उन्होंने कहा कि अपने ही लोगों को ज्ञान तक पहुंच न देकर हम अपने समाज को कमजोर कर रहे हैं और खुद को जीते जाने लायक बना रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा, आज हम सूचना के युग में रह रहे हैं और दुनिया ज्ञान युग की ओर जा रही है। मैं समझता हूं कि अब समय आ गया है कि हम अपनी क्षमता को जानें। जब हम यह खुद ही जान जायेंगे कि यह हमारी विरासत है तो हम विविधता में एकता प्राप्त करने के अपने प्रयासों में कोई कोर कसर क्यों छोड़ेंगे।
(आईएएनएस)