जद(एस) में पारिवारिक कलह खत्म होने के आसार नहीं
कर्नाटक चुनाव जद(एस) में पारिवारिक कलह खत्म होने के आसार नहीं
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। ऐसे समय में जब राष्ट्रीय पार्टियां मतभेदों को दूर कर रही हैं और कार्यकर्ताओं को एकता का संदेश दे रही हैं, कर्नाटक में जद (एस) को पारिवारिक कलह अब भी सता रहा है। हसन निर्वाचन क्षेत्र पार्टी के टिकट के लिए भवानी रेवन्ना, बेटी- पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा की बहू भवानी रेवन्ना अड़ी हुई हैं, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ऐसा नहीं चाहते।
राज्य में चुनाव के बाद जद (एस) किंग मेकर की भूमिका निभाना चाहता है। पार्टी की बागडोर संभाल रहे पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने ऐलान किया है कि चुनाव के बाद राष्ट्रीय पार्टियों को उनके दरवाजे पर आना होगा। कुमारस्वामी ने यह भी दावा किया था कि गठबंधन के लिए कांग्रेस, बीजेपी के राष्ट्रीय नेता पहले से ही उनके संपर्क में हैं।
भवानी रेवन्ना को टिकट देने का मुद्दा अब भी गौड़ा परिवार में एक विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है। कुमारस्वामी भवानी रेवन्ना को टिकट देने से इनकार कर रहे हैं, लेकिनप उनके बड़े भाई और पूर्व मंत्री एच.डी. रेवन्ना का परिवार इस पर अड़ा हुआ है।
बीजेपी पिछले विधानसभा चुनावों में जेडी (एस) का गढ़ माने जाने वाले हासन निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतने में कामयाब रही है। प्रीतम गौड़ा विजयी हुए थे और गौड़ा परिवार को झटका लगा था। प्रीतम गौड़ा ने गौड़ा परिवार को चुनौती दी है कि वह परिवार से किसी भी उम्मीदवार को मैदान में उतारें, वह भारी मतों के अंतर से जीतेंगे।
भवानी रेवन्ना चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं और उन्होंने इस दिशा में काम करना भी शुरू कर दिया है। हालांकि, कुमारस्वामी उन्हें उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने के इच्छुक नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार इससे कुमारस्वामी और रेवन्ना परिवारों के बीच कलह हो रहा रहा है।
पूर्व पीएम देवेगौड़ा भी अपने बेटों के परिवारों को नहीं मना पा रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि अब यह मामला गंभीर हो गया है, क्योंकि भवानी रेवन्ना के पहले बेटे और हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने कहा है कि अगर उनकी मां को टिकट नहीं दिया गया, तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
भवानी रेवन्ना के दूसरे बेटे सूरज रेवन्ना, जो एमएलसी के रूप में चुने गए हैं, ने कुमारस्वामी के खिलाफ सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर की थी।
कुमारस्वामी ने दोहराया कि उनके लिए पार्टी कार्यकर्ता और पार्टी का विकास महत्वपूर्ण है। अपरिहार्य होने पर ही परिवार के सदस्य चुनाव लड़ेंगे। हसन के लिए एक मजबूत उम्मीदवार है। उन्होंने भवानी रेवन्ना को टिकट नहीं देने का संकेत देते हुए स्पष्ट किया, मैं अपने पहले के फैसले पर कायम हूं। हालांकि, एच.डी. रेवन्ना ने विरोध किया कि वह हसन के लिए किसी मजबूत उम्मीदवार को नहीं जानते। उन्होंने कहा, मैं नहीं जानता कि किस कार्यकर्ता को टिकट दिया जाएगा।
पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के परिवार के भीतर सब ठीक नहीं है और चुनाव परिणामों पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ेगा। कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी रामनगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, जो उनकी मां अनीता कुमारस्वामी के पास है। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि कुमारस्वामी और रेवन्ना परिवारों के बीच सत्ता संघर्ष बहुत अधिक है।
(आईएएनएस)
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