कन्नड़ संगठनों ने महाराष्ट्र एकीकरण समिति, शिव सेना पर प्रतिबंध लगाने की मांग की
कर्नाटक कन्नड़ संगठनों ने महाराष्ट्र एकीकरण समिति, शिव सेना पर प्रतिबंध लगाने की मांग की
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू । कर्नाटक रक्षणा वैदिके समिति ने महाराष्ट्र के राज्यपाल थावरचंद गहलोत को शुक्रवार को एक ज्ञापन सौंपकर महाराष्ट्र एकीकरण समिति और शिव सेना पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। समिति के प्रमुख टी ए नारायण गौड़ा ने इस ज्ञापन में कहा है कि महाराष्ट्र सरकार के नेताओं और सरकार की इस मामले में लिप्तता तथा उनके उकसावे वाले भाषणों से सीमावर्ती बेलगावी जिले में शांति -व्यवस्था बिगड़ती जा रही है।
इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र एकीकरण समिति पार्टी को महाराष्ट्र सरकार आर्थिक मदद दे रही है और इसके एवज में कर्नाटक में रहने वाले मराठी लोग कन्नड़ भाषी लोगों के खिलाफ गलत बयानबाजी करते हैं तथा यह कई दशकों से चला आ रहा है। अब इस संगठन के साथ शिव सेना भी आ गई है और इससे क्षेत्र की शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
नारायण गौड़ा ने कहा महाराष्ट्र के नेताओं के पास बेलगावी को विवादित मसला बनाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने मेहर चंद महाजन आयोग भी बनाया था और उसने भी इस बात को अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा है कि बेलगावी कर्नाटक का हिस्सा है। अब यह मामला उच्चत्तम न्यायालय के समक्ष लंबित है और केन्द्र सरकार ने अपने एक हलफनामे में भी यही कहा है कि बेलगावी कर्नाटक का ही हिस्सा है। महाराष्ट्र के नेता इस बात को बेहतर तरीके से जानते हैं कि वे कानूनी तरीके से बेलगावी को हासिल नहीं कर सकते है तो वे राज्य में शांति व्यवस्था को बिगाड़ने की कोश्शि कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र एकीकरण समिति और शिव सेना बेलगावी में संगठित अपराधों में लिप्त हैं और वे कन्नड़ तथा मराठी लोगों के बीच माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह की हिंसा में बेलगावी के लोगों को अपनी जान की कीमत चुकानी पड़ रही है जिसे देखत हुए दोनों पार्टियों पर प्रतिबंध लगाए जाने की आवश्यकता है। इस दिशा में कानूनी प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए और इस प्रक्रिया की शुरूआत के लिए केन्द्र सरकार के पास राज्यपाल कार्यालय की ओर से अनुशंसा की जानी चाहिए।
(आईएएनएस)