जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पार्टी के सर्च ऑपरेशन से परेशान हुआ जेडीयू नेता, पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा
बिहार जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पार्टी के सर्च ऑपरेशन से परेशान हुआ जेडीयू नेता, पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा
- पार्टी का जीरो टॉलरेस
डिजिटल डेस्क,पटना। जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी के सर्च ऑपरेशन से परेशान होकर जेडीयू से इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले सिंह पर बेशुमार संपत्ति को लेकर पार्टी को शिकायत मिली थी, इसे लेकर पार्टी अध्यक्ष ने आरसीपी सिंह से कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा।
सूत्रों के मुताबिक , पार्टी अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाह ने आरसीपी को पत्र लिखकर जवाब मांगा हैं इसमें लिखा हैं कि ""नालंदा जिले में जेडीयू के दो साथियों की सबूत के साथ शिकायत मिली है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि आपने अपने और परिवार के नाम 2013 से 2022 तक बेशुमार संपत्ति कर ली है, जिसमें कई तरह की अनियमितता दिखाई दे रहीं हैं। आप पर पार्टी ने भरोसा किया और लंबे समय तक दल के सर्वमान्य व प्रिय नेता रहे। आपको पार्टी ने दो बार राज्यसभा का सदस्य, पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव (संगठन), राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा केंद्र में मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर पूर्ण विश्वास एवं भरोसे के साथ दिया। पार्टी का जीरो टॉलरेस पर काम करने का सिद्धांत रहा है। इसलिए पार्टी आपसे उम्मीद कर रही है कि आप पार्टी के पत्र का बिंदु बार जवाब दें।
जेडीयू की इस कार्यवाही से आरसीपी अपनी ही बनाई संपत्ति के जाल में बुरी तरह फंसते नजर आ रहे है। इससे आगे पार्टी उन पर बडा एक्शन लेने के फिराक में थी। लेकिन उससे पहले ही सिंह ने पार्टी के सभी पदों से खुद इस्तीफा दे दिया ।
मिली जानकारी के मुताबिक सिंह ने 2013 तक से अब तक नालंदा जिला के अस्थांना व इस्लामपुर में करीब 40 बीघा जमीन अपने परिवार के नाम खरीदी साथ ही पार्टी को गुप्त तरीके से सूचना मिली कि सिंह की कई जिलों संपत्तियां होने की खबर मिली । इनमें से ज्यादातर संपत्ति सिंह अपनी पत्नी और दोनों बेटियों के नाम खरीदी। सिंह पर एक आरोप और लगा है जिसमें सिंह ने चुनाव और संपत्ति के हलफनामे में उन्होंने अपनी पत्नी का नाम अलग अलग बताया है।