कभी आईटी था प्राइम सेक्टर, अब नर्सिंग व पैरामेडिकल का समय: मुख्यमंत्री

यूपी कभी आईटी था प्राइम सेक्टर, अब नर्सिंग व पैरामेडिकल का समय: मुख्यमंत्री

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-08 11:31 GMT
कभी आईटी था प्राइम सेक्टर, अब नर्सिंग व पैरामेडिकल का समय: मुख्यमंत्री

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 90 के दशक में कॅरियर के लिहाज से अगर आईटी सेक्टर सबसे प्राइम माना जाता था तो आज के दौर में नर्सिंग और पैरामेडिकल क्षेत्र शानदार अवसरों से भरा है।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को एसजीपीजीआई लखनऊ के परिसर में नसिर्ंग और पैरामेडिकल सेक्टर के व्यापक सुधार के लिए मिशन निरामया: की शुरूआत की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसकी आवश्यकता जन्म से लेकर मृत्यु तक हमेशा होती है। यही नहीं महिलाओं के लिए तो यह सेक्टर सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन का शानदार उदाहरण है।

कहा कि किसी भी सभ्य समाज की तरक्की के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा तंत्र का मजबूत होना सबसे अहम है। लेकिन दशकों इन क्षेत्रों को उपेक्षित रखा गया। नसिर्ंग जैसा क्षेत्र, जिसके बिना बेहतर चिकित्सा संभव ही नहीं, उसमें समय के साथ सुधार की कोशिशें नहीं हुईं। लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार इस सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में बहुआयामी सुधार के लिए मिशन निरामया: की शुरूआत कर रही है।

उन्होंने कहा कि यह मिशन एक ओर जहां प्रदेश में संस्थानों और सीटों की वृद्धि में सहायक होगा, वहीं संस्थाओं के गुणवत्ता सुधार और प्रशिक्षण के बाद युवाओं के सेवायोजन के लिए जरूरी प्रयास किए जाएंगे। मिशन निरामया: के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन के पहले चरण में हमारा लक्ष्य नसिर्ंग व पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप करने की होगी, जबकि अगले चरण में इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा। विशेष मौके पर प्रशिक्षण के बाद युवाओं के सेवायोजन के लिए 05 प्रशिक्षण संस्थानों और 05 प्रतिष्ठित अस्पतालों के बीच एमओयू भी हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण के होने का ही परिणाम रहा कि नसिर्ंग स्टाफ के लिए राज्य सरकार ने 4700 पदों पर भर्ती आयोजित की, तो आवेदन आये 1 लाख 2 हजार लेकिन पास हुए केवल 3 फीसदी अभ्यर्थी। सुधार के लिए समय के अनुरूप बदलने की कोशिश नहीं हुई, नतीजतन, कभी विश्वगुरु रहा देश दूसरे देशों की नकल को मजबूर हो गया। लेकिन प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में 2017 के बाद प्रदेश में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा तंत्र को मजबूत बनाने का कार्यक्रम शुरू हुआ, यह मिशन निरामया: उसी कड़ी का एक हिस्सा है।

सीएम ने कहा कि हमारे बहुत से संस्थान अच्छा काम कर रहे हैं, ऐसे 12 संस्थानों का चयन कर उन्हें मेंटॉर बनाया जा रहा है। यह संस्थान अन्य नसिर्ंग कॉलेजों को बेहतर होने के लिए मार्गदर्शन कराएंगे। यही नहीं, संस्थानों की रेटिंग के लिए क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया से करार हुआ है। हर संस्थान की गुणवत्ता का प्रमाणन कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश में सबसे अच्छी पैरामेडिकल व नसिर्ंग की ट्रेनिंग मिलेगी।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने परीक्षा नियंत्रण कक्ष का लोकार्पण भी किया और कहा कि नए संस्थानों की मान्यता की प्रक्रिया सरल की गई है और मानक पूरा करने वाले हर संस्थान को आसान प्रक्रिया से मान्यता दी जाएगी।

मेंटॉर के रूप में चयनित हुए यह संस्थान

रुहेलखंड कॉलेज ऑफ नसिर्ंग, बरेली यूपीयूएमएस, फैकल्टी ऑफ नसिर्ंग, सैफई इटावा,शारदा स्कूल ऑफ नसिर्ंग साइंस जीबी नगर नगर, कॉलेज ऑफ नसिर्ंग, जीएसवीएम कानपुर , बाबा इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस एंड नसिर्ंग, लखनऊ,फैकल्टी ऑफ नसिर्ंग, सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ, हिलेरी क्लिंटन नसिर्ंग स्कूल, सहारनपुर, एलएलआरएम, मेरठ, गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ नसिर्ंग, गोरखपुर, एसडीपीएम कॉलेज ऑफ नसिर्ंग, गोंडा, आईआईएमटी, मेरठ नाइटिंगेल इंस्टीट्यूट ऑफ नसिर्ंग, नोएडा।

 

 (आईएएनएस)

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