भारत का लोकतंत्र बौद्ध आदर्शो, प्रतीकों से गहराई से प्रभावित: राष्ट्रपति

दिल्ली भारत का लोकतंत्र बौद्ध आदर्शो, प्रतीकों से गहराई से प्रभावित: राष्ट्रपति

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-13 16:00 GMT
भारत का लोकतंत्र बौद्ध आदर्शो, प्रतीकों से गहराई से प्रभावित: राष्ट्रपति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बौद्ध धर्म को भारत की सबसे बड़ी आध्यात्मिक परंपराओं में से एक बताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि देश का लोकतंत्र अपने आदशरें और प्रतीकों से काफी प्रभावित रहा है। उन्होंने कहा, हमारा लोकतंत्र बौद्ध आदशरें और प्रतीकों से गहराई से प्रभावित रहा है। राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ में अशोक स्तंभ से लिया गया है, जिस पर धर्म चक्र भी उत्कीर्ण है।

राष्ट्रपति भवन से एक विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के मुख्य शिल्पकार बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि हमारे संसदीय लोकतंत्र में, प्राचीन बौद्ध संघों की कई प्रक्रियाओं को अपनाया गया है।राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि भगवान बुद्ध के अनुसार शांति से बड़ा कोई आनंद नहीं है और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं में आंतरिक शांति पर जोर दिया गया है।इस अवसर पर इन शिक्षाओं को याद करने का उद्देश्य यह है कि सभी लोग भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के सही अर्थ को समझें और सभी बुराइयों और असमानताओं को दूर करके विश्व को शांति और करुणा से परिपूर्ण बनाएं।संस्कृति मंत्रालय अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के सहयोग से आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में आषाढ़ पूर्णिमा दिवस मना रहा है।

 

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