कांग्रेस के भारत जोड़ी यात्रा के प्रभाव को लेकर विभाजित दिखे भारतीय - आईएएनएस सर्वे

नई दिल्ली कांग्रेस के भारत जोड़ी यात्रा के प्रभाव को लेकर विभाजित दिखे भारतीय - आईएएनएस सर्वे

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-25 09:31 GMT
कांग्रेस के भारत जोड़ी यात्रा के प्रभाव को लेकर विभाजित दिखे भारतीय - आईएएनएस सर्वे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में अपने राजनीतिक भाग्य को बदलने की उम्मीद में 7 सितंबर से अपना जन संपर्क कार्यक्रम भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने की घोषणा की है। कन्याकुमारी से शुरू होने वाली यह यात्रा 12 राज्यों से होकर 3,500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी। यात्रा का नेतृत्व कांग्रेस नेता राहुल गांधी कर सकते हैं। पार्टी ने 23 अगस्त को यात्रा का लोगो, टैगलाइन और वेबसाइट लॉन्च की है।

यात्रा में भाग लेने के लिए लोगों को आमंत्रित करने के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 22 अगस्त को नागरिक समाज के सदस्यों के साथ बातचीत की। विशेष रूप से, राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन के बाद से, देश की सबसे पुरानी पार्टी दूसरे नंबर पर खिसक गई है। पार्टी ने ना केवल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन किया, बल्कि पिछले कुछ वर्षों में उसके समर्थन आधार में भी काफी गिरावट आई है। कांग्रेस पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा, नहीं तो पार्टी अस्तित्व के संकट के भंवर में फंस जाएगी।

सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने कांग्रेस के राजनीतिक भाग्य पर यात्रा के प्रभाव के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया। सर्वे से पता चला कि इस मुद्दे पर लोगों की राय विभाजित थी, जबकि 48 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि जनसंपर्क कार्यक्रम पार्टी को चुनावी रूप से मदद करेगा, वहीं 52 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने असहमति जताई।

सर्वे के दौरान, शहरी और ग्रामीण दोनों मतदाताओं के विचार भी विभाजित दिखे। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, जहां 42 फीसदी शहरी मतदाताओं ने कहा कि जन संपर्क कार्यक्रम मतदाताओं को कांग्रेस की ओर आकर्षित करेंगे, वहीं 58 फीसदी शहरी मतदाताओं ने इस भावना को साझा नहीं किया। इसी तरह, जहां 47 फीसदी ग्रामीण मतदाताओं का मानना है कि यात्रा कांग्रेस को चुनाव जीतने में मदद कर सकती है, वहीं 53 फीसदी ग्रामीण मतदाताओं ने पूरी तरह से अलग राय साझा की।

जाहिर है, सर्वे के दौरान राजनीतिक समर्थकों ने अपने वैचारिक झुकाव के अनुसार अपने विचार व्यक्त किए। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, जहां एनडीए के 73 प्रतिशत समर्थकों का मानना है कि जनसंपर्क कार्यक्रम कांग्रेस की मदद नहीं करेगा, वहीं 64 प्रतिशत विपक्षी समर्थकों ने कहा कि 12 राज्यों से गुजरने वाली यात्रा मुख्य विपक्षी दल की राजनीतिक किस्मत को पलट देगी, जो 2019 के लोकसभा चुनावों में केवल 52 लोकसभा सीटों पर सिमट गई थी।

 

(आईएएनएस)

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