ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद करेगा भारत: पीएम
नई दिल्ली ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद करेगा भारत: पीएम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि जी20 अध्यक्ष पद के धारक के रूप में भारत का उद्देश्य वैश्विक दक्षिण की आवाज को बढ़ाना है। दो दिवसीय वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ वर्चुअल शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, जी20 अध्यक्षता के लिए हमने एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का विषय चुना है। यह हमारे सभ्यतागत लोकाचार के अनुरूप है। हम मानते हैं कि एकता को साकार करने का मार्ग मानव-केंद्रित विकास के माध्यम से है। ग्लोबल साउथ के लोगों को अब विकास के फल से बाहर नहीं रखा जाना चाहिए।
हमें साथ मिलकर वैश्विक राजनीतिक और वित्तीय शासन को फिर से डिजाइन करने का प्रयास करना चाहिए। यह असमानताओं को दूर कर सकता है, अवसरों को बढ़ा सकता है, विकास का समर्थन कर सकता है और प्रगति और समृद्धि फैला सकता है। प्रधान मंत्री ने कहा कि ग्लोबल साउथ का भविष्य में सबसे बड़ा दांव है, क्योंकि इन देशों में तीन-चौथाई मानवता रहती है।
उन्होंने जोर देकर कहा, हमें भी समान आवाज उठानी चाहिए। चूंकि वैश्विक शासन का आठ दशक पुराना मॉडल धीरे-धीरे बदल रहा है, इसलिए हमें उभरती हुई व्यवस्था को आकार देने की कोशिश करनी चाहिए। मोदी ने यह भी कहा कि विकासशील दुनिया के सामने चुनौतियों का सामना करने के बावजूद वह आशावादी हैं कि ग्लोबल साउथ का समय आ रहा है।
समय की आवश्यकता सरल, मापनीय और स्थायी समाधानों की पहचान करना है, जो हमारे समाज और अर्थव्यवस्थाओं को बदल सकते हैं। इस तरह के ²ष्टिकोण से हम कठिन चुनौतियों से पार पा लेंगे- चाहे वह गरीबी हो, सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा हो या मानव क्षमता निर्माण हो।
उन्होंने जोर दिया, पिछली सदी में हमने विदेशी शासन के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक-दूसरे का समर्थन किया। हम इस सदी में फिर से ऐसा कर सकते हैं, एक नई विश्व व्यवस्था बनाने के लिए जो हमारे नागरिकों के कल्याण को सुनिश्चित करेगी। जहां तक भारत का संबंध है, आपकी आवाज भारत की आवाज है। आपकी प्राथमिकताएं भारत की प्राथमिकताएं हैं। प्रधान मंत्री ने कहा कि सम्मेलन के दौरान, वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में आठ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर चर्चा होगी।
मुझे विश्वास है कि वैश्विक दक्षिण एक साथ नए और रचनात्मक विचारों का उत्पादन कर सकता है। ये विचार वैश्विक भविष्य के लिए हमारे महान विचारों को प्राप्त करने का आधार बन सकते हैं। शिखर सम्मेलन, जिसमें 120 से अधिक देश भाग ले रहे हैं, शुक्रवार को समाप्त होगा।
(आईएएनएस)
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