राजस्थान में लगी नारे लगाने पर पाबंदी, सिर्फ ये दो तरह के नारे लगा सकेंगे कांग्रेस कार्यकर्ता, क्या सचिन पायलट के नाम के नारों से डर रही है गहलोत सरकार?

नारे लगाना मना है! राजस्थान में लगी नारे लगाने पर पाबंदी, सिर्फ ये दो तरह के नारे लगा सकेंगे कांग्रेस कार्यकर्ता, क्या सचिन पायलट के नाम के नारों से डर रही है गहलोत सरकार?

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-13 13:37 GMT

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर से आपसी घमासान शुरू हो गया है, पहले से ही दो गुटों में बंटा कांग्रेस वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहा है। एक खेमा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ तो दूसरा खेमा सचिन पायलट का समर्थन करता रहा है। अशोक गहलोत सरकार में खेलमंत्री की सभा में सोमवार को सचिन पायलट के पक्ष में नारे लगे और जूते चप्पल चले। जिसके बाद कांग्रेस पर विपक्षी दलों ने जमकर निशाना साधा। अब कांग्रेस पार्टी को ओर से सभी समर्थकों को चेतावनी दी गई है कि राजीव गांधी या फिर अशोक गहलोत को छोड़कर किसी तीसरे नेता के समर्थन में नारेबाजी की गई तो जेल में डाल दिया गया है।

हालांकि, इस फैसले पर कांग्रेस के बहुत से समर्थक नाराज भी बताए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि ये तो तानाशाही है, हम अपने नेता के समर्थन में नारेबाजी क्यों नहीं कर सकते हैं? अशोक गहलोत के सलाहकार बाबूलाल नागर ने तीसेर पक्ष में नारा न लगाने के लिए बाकायदा मंच से ऐलान किया है।

नारा लगाया तो पुलिस उठा लेगी

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री गहलोत के सलाहकार ने साफतौर पर कहा कि अगर किसी और के पक्ष में नारा लगाया तो पुलिस उठा ले जाएगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि सचिन पायलट के समर्थन में नारेबाजी न हो, इसी वजह से ये बात कही गई थी। गौरतलब है कि अशोक गहलोत समर्थक और सचिन पायलट के समर्थक कई बार नारेबाजी के दौरान आपस में भिड़ें हैं। जिसको देखते हुए सीएम गहलोत के मंच पर पहुंचने से पहले ही हिदायत दी गई थी। 

केवल दो ही नारे लगेंगे

गौरतलब है कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल को लेकर डुडु में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आमंत्रित थे। कार्यक्रम के ठीक पहले ही कार्यकर्ताओं को कड़े शब्दों में बताया गया कि राजीव गांधी व अशोक गहलोत के अलावा किसी तीसरे व्यक्ति के पक्ष में नारा नहीं लगाना है। अगर किसी को तीसरा नारा लगाना है तो उठकर चला जाए वरना मुझे दोष मत देना।

अगर किसी ने नारा लगाने के बारे में सोचा तो पुलिस वहां से उठा लेगी और केस भी लगा देगी। केवल आपको ताली बजानी है। इस बात पर जोर देकर कहा गया कि नारे केवल दो ही लगेंगे। ये भी कहा गया कि अगर कोई पड़ोसी ऐसा कोई हरकत करें तो जरूर इशारा करना।

खेलमंत्री की सभा में चले थे जूते-चप्पल

बीते सोमवार को अशोक गहलोत सरकार में खेलमंत्री अशोक चांदना की सभा में जमकर हंगामा हुआ था। मंत्री के सामने ही पायलट के समर्थक उग्र हो गए और हंगामा पर उतर आए। बताया जा रहा है कि देखते ही देखते जूता चप्पल भी चलने लगा। रात में ही चांदना ने पूर्व डिप्टी सीएम चांदना पर निशाना साधा और कहा कि मुझ पर जूता फेंकवाकर सचिन पायलट यदि मुख्यमंत्री बने तो जल्दी से बन जाए क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है। जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा और यह मैं चाहता नहीं हूं।

पायलट के समर्थन में हो रही मांग

बीते कई महीनों से सचिन पायलट को राजस्थान का सीएम बनाने की उनके समर्थकों की तरफ से मांग चल रही है। इसी के चलते कई बार सचिन व गहलोत के समर्थक आमने-सामने भी दिखें हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी ने भी कह दिया है कि जनता की भावना है कि सचिन पायलट ही राजस्थान के सीएम बने। बीते सोमवार को चौधरी ने मीडिया से कहा कि राज्य की जनत पायलट को सीएम के तौर पर देखना चाहती है। वही बात जनता अब कह रही है।

उन्होंने कहा कि जब राजस्थान में कांग्रेस 21 सीटों पर काबिज थी, उस दरमियान सचिन पायलट को राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और उन्हें ने काफी मेहनत की। जिसका रिजल्ट विधानसभा चुनाव में दिखा और पायलट ने पार्टी को 21 से 100 सीटों पर पहुंचाया। तब जाकर कांग्रेस सरकार बनी। फिर छह माह बाद लोकसभा चुनाव हुए और कांग्रेस सभी 25 सीट हार गई। ऐसे में जनता सचिन पायलट को अपना नेता मानती है और उन्हें ही राजस्थान में सीएम बनाने की मांग कर रही है।


 

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