शिक्षक अभ्यर्थियों पर 13 दिसंबर तक निर्णय नहीं हुआ, तो सदन नहीं चलने देंगे : बिहार भाजपा प्रमुख
बिहार शिक्षक अभ्यर्थियों पर 13 दिसंबर तक निर्णय नहीं हुआ, तो सदन नहीं चलने देंगे : बिहार भाजपा प्रमुख
- संघर्ष में हर तरह से साथ
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में एक ओर जहां सरकार नियुक्ति पत्र बांट रही है, वहीं मंगलवार को दर्जनों शिक्षक अभ्यर्थी नौकरी की मांग को लेकर कर रहे आंदोलन में समर्थन मांगने प्रदेश कार्यालय पहुंचे। इस दौरान अभ्यर्थियों ने बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल से मुलाकात की।
डॉ जायसवाल ने शिक्षक अभ्यर्थियों के संघर्ष में हर तरह से साथ देने का वादा करते हुए सरकार को चेतावनी दी कि इन अभ्यर्थियों के लिए सरकार यदि 13 दिसंबर तक निर्णय नहीं लेती है तो भाजपा सदन को नहीं चलने देगी।
डॉ जायसवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने 2020 के विधान सभा चुनाव के दौरान वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनेगी तो सरकार की पहली कैबिनेट में, पहले हस्ताक्षर से 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। उनकी सरकार बने भी कई दिन हो गए, लेकिन अब तक एक भी नौकरी इस सरकार द्वारा नहीं दी गई है।
शिक्षक अभ्यर्थियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस सभी शिक्षक अभ्यर्थियों की नियुक्ति की बात एनडीए सरकार में तय हो चुकी थी। एनडीए के शासन काल में तत्कालीन शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन में कहा भी था कि जल्द ही सीटीईटी तथा बीटीईटी पास किए अभ्यर्थियों से राज्य में शिक्षक के करीब 1.25 लाख रिक्त पद भरे जाएंगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री से यह प्रश्न किसी और ने नहीं बल्कि आज के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने सदन में पूछा था, लेकिन आज प्रदेश में जदयू और राजद की सरकार है और उस जवाब को भूल गई।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भले ही अपने कहे को भूल जाए लेकिन भाजपा अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकती। भाजपा अब इन अभ्यर्थियों के साथ है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि 13 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से पहले अगर सरकार इन अभ्यर्थियों को लेकर निर्णायक पहल नहीं करती है तो भाजपा सदन नहीं चलने देगी।
डॉ जायसवाल ने तेजस्वी यादव से आग्रह करते हुए कहा कि यदि उप मुख्यमंत्री इन शिक्षक अभ्यर्थियों को नौकरी दे देंगे तो उनके दस लाख सरकारी नौकरियों के वादे की संख्या भी कुछ कम हो जायेगी।
सरकार द्वारा नियुक्ति पत्र बांटे जाने पर आड़े हाथों लेते हुए डॉ जायसवाल ने यह भी कहा कि आज मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के लिए नौकरी कर रहे लोगों को नियुक्ति पत्र देना फैशन बन गया है।
डॉ जायसवाल ने कहा कि महागठबंधन की सरकार में अब तक छह बार नियुक्ति पत्र बांटे गए हैं, लेकिन सभी नियुक्तियां एनडीए कार्यकाल की है। सबसे हास्यास्पद स्थिति तो यह है कि हाल ही में गांधी मैदान में 10 हजार पुलिसकर्मियों के बांटे गए नियुक्ति पत्र लेने आए लोग पुलिस वर्दी में थे।
आईएएनएस
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