आईएएनएस सीवोटर नेशनल मूड ट्रैकर: 56 प्रतिशत लोगों ने माना, गांधी परिवार के खिलाफ मोदी सरकार कर रही ईडी का इस्तेमाल
नेशनल हेराल्ड केस आईएएनएस सीवोटर नेशनल मूड ट्रैकर: 56 प्रतिशत लोगों ने माना, गांधी परिवार के खिलाफ मोदी सरकार कर रही ईडी का इस्तेमाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले महीने राहुल गांधी से 50 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ करने के बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार (21 जुलाई) को उनकी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ की।
जांच एजेंसी के अधिकारियों ने 75 वर्षीय नेता सोनिया गांधी से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। सोनिया गांधी अपने दोनों बच्चों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ ईडी के मुख्यालय पहुंचीं। सोनिया गांधी की खराब सेहत के चलते प्रियंका को ईडी मुख्यालय में रुकने की इजाजत दी गई। एक तरफ जहां, अधिकारियों ने कांग्रेस अध्यक्ष से पूछताछ शुरू की, तो दूसरी तरफ पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन तेज कर दिया।
कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस पूछताछ की कार्रवाई को भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का प्रतिशोध करार दिया। वहीं इन आरोपों का खंडन करते हुए, सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस के विरोध की निंदा की।सोनिया गांधी को ईडी ने 25 जुलाई को फिर से पूछताछ के लिए तलब किया गया है।
सीवोटर इंडियाट्रैकर ने ईडी द्वारा सोनिया गांधी से पूछताछ और बदले की राजनीति के मुद्दे पर लोगों की राय जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक जनमत सर्वे किया।सर्वे के दौरान, लोगों की इस मुद्दे को लेकर अपनी-अपनी राय थी, लेकिन बड़ी संख्या में लोगों ने माना कि मोदी सरकार गांधी परिवार के खिलाफ जांच एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है।
सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, 56 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष से ईडी की पूछताछ मोदी सरकार की बदले की राजनीति को दर्शाती है, तो वहीं 44 प्रतिशत लोगों ने इस मामले पर हो रही कार्रवाई को राजनीति से अलग बताया।
दिलचस्प बात यह है कि सर्वे के दौरान, 60 प्रतिशत विपक्ष के मतदाताओं ने कहा कि ईडी की कार्रवाई भाजपा के प्रतिशोध से प्रेरित है। वहीं एनडीए के 52 फीसदी मतदाताओं का भी मानना है कि सोनिया गांधी के खिलाफ जांच एजेंसी की कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध है।
सर्वे में अलग-अलग सामाजिक समूहों की राय में अंतर देखने को मिला। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, 70 प्रतिशत अनुसूचित जाति (एससी), 63 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति (एसटी) और 66 प्रतिशत मुस्लिम लोगों का मानना हैं कि मोदी सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है।सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, उच्च जाति हिंदुओं (यूसीएच) के 5 प्रतिशत लोगों ने ईडी की कार्रवाई को वास्तविक बताया, जबकि 51 प्रतिशत ओबीसी समूह के लोगों ने इसे प्रतिशोध की राजनीति करार दिया।
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