हाईकोर्ट बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बरी किए जाने के खिलाफ याचिका पर करेगा सुनवाई

उत्तरप्रदेश हाईकोर्ट बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बरी किए जाने के खिलाफ याचिका पर करेगा सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-18 09:00 GMT
हाईकोर्ट बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बरी किए जाने के खिलाफ याचिका पर करेगा सुनवाई

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ सोमवार को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, चंपत राय, विनय कटियार, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, साध्वी ऋतभंरा और अन्य वरिष्ठ भाजपा समेत आरएसएस नेताओं को बरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगी।

8 जनवरी, 2021 को अयोध्या के हाजी महबूब और सैय्यद अखलाक द्वारा याचिका दायर की गई। दोनों को बाबरी मस्जिद विध्वंस के गवाह के रूप में अदालत में पेश किया गया था। उनके घर मस्जिद के बगल में थे। 6 दिसंबर 1992 को विध्वंस के बाद उनके घरों पर हमला किया गया और उन्हें जला दिया गया था।

लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत ने 1 अक्टूबर, 2020 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। बरी होने के 100 दिन बाद सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दोनों ने हाईकोर्ट में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की।

6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें 1,026 गवाह और सुनवाई के दौरान 48 आरोपी सूचीबद्ध थे। आरोपियों में 16 की सुनवाई के दौरान मौत हो गई।

मुकदमे के दौरान जिनका निधन हो चुका, उनमें शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे, गोरखनाथ मठ के पूर्व प्रमुख महंत अवैद्यनाथ, विश्व हिंदू परिषद के पूर्व प्रमुख विष्णु हरि डालमिया, अयोध्या में राम जन्मभूमि न्यास के पूर्व प्रमुख महंत रामचंद्र दास परमहंस और विहिप नेता अशोक सिंघल शामिल थे।

 

 

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