क्या हरीश रावत सुलझाएंगे पंजाब मसला? सोनिया गांधी से की मुलाकात, जानिए, पूरा मामला

पंजाब का सियासी बवाल क्या हरीश रावत सुलझाएंगे पंजाब मसला? सोनिया गांधी से की मुलाकात, जानिए, पूरा मामला

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-16 06:00 GMT
क्या हरीश रावत सुलझाएंगे पंजाब मसला? सोनिया गांधी से की मुलाकात, जानिए, पूरा मामला
हाईलाइट
  • हरीश रावत ने सोनिया गांधी से मुलाकात की
  • पंजाब मसला सुलझाने को कहा गया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की है। सूत्रों ने कहा कि उन्हें पार्टी के भीतर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए कहा गया है क्योंकि विधायकों ने एक बार फिर आवाज उठानी शुरू कर दी है और वह विधायक दल की बैठक की मांग कर रहे हैं। रावत ने बुधवार को यहां दोनों शीर्ष नेताओं से मुलाकात की।

कहा जाता है कि उन्होंने पंजाब में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से भी बात की है। विधायकों ने मांग की है कि दिल्ली से दो न्यूट्रल ऑब्जर्वर भेजे जाएं ताकि वे अपनी शिकायतें बता सकें। इस बार प्रमुख मूवर्स परगट सिंह और तृप्त सिंह बाजवा हैं, दोनों प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी हैं। जबकि रावत के हरिद्वार से शनिवार को अपनी यात्रा का दूसरा चरण शुरू करने से पहले चंडीगढ़ की यात्रा करने की संभावना है। वह इस महीने के पहले हफ्ते में मामले को निपटाने के लिए चंडीगढ़ में थे, लेकिन ये नई मुसीबत उनके सामने आ गई।

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पिछले महीने कांग्रेस नेतृत्व से मिलने के लिए दिल्ली गए थे, लेकिन उन्हें प्रभारी महासचिव हरीश रावत से बात करने की सलाह दी गई, जो उस समय चंडीगढ़ में थे। हरीश रावत ने राज्य के सभी हितधारकों से मुलाकात की है। उन्होंने खींचतान को लेकर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ बैठक भी की है। रावत ने चंडीगढ़ में कहा था, हम एक सौहार्दपूर्ण समाधान की ओर बढ़ रहे हैं। सिद्धू और अमरिंदर दोनों एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं और राज्य में कांग्रेस की अंदरूनी कलह बढ़ गई है।

हरीश रावत ने पिछले दिनों इस मुद्दे पर राहुल गांधी से मुलाकात की थी और उन्हें राज्य के हालात से अवगत कराया था। वहीं, किसानों के मुद्दे पर अमरिंदर ने कहा था, उनकी सरकार के साथ-साथ पंजाब के लोग, कृषि कानूनों के मुद्दे पर हमेशा किसानों के साथ खड़े रहे, और यह दुख की बात है कि वे अब राज्य भर में किसान समुदाय के निरंतर विरोध के कारण पीड़ित हैं।

(आईएएनएस)

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