प्रदेश कांग्रेस में फिर चला दिग्विजय सिंह का ही सिक्का! नए नेता प्रतिपक्ष का नाम है इस बात का सबूत कि कमलनाथ से ज्यादा पीसीसी पर दिग्विजय सिंह हैं हावी!

मध्य प्रदेश सियासत प्रदेश कांग्रेस में फिर चला दिग्विजय सिंह का ही सिक्का! नए नेता प्रतिपक्ष का नाम है इस बात का सबूत कि कमलनाथ से ज्यादा पीसीसी पर दिग्विजय सिंह हैं हावी!

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-28 11:32 GMT
प्रदेश कांग्रेस में फिर चला दिग्विजय सिंह का ही सिक्का! नए नेता प्रतिपक्ष का नाम है इस बात का सबूत कि कमलनाथ से ज्यादा पीसीसी पर दिग्विजय सिंह हैं हावी!

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नेता प्रतिपक्ष के पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। जिसे पार्टी आलाकमान ने स्वीकार कर लिया है। गौरतलब है कि कमलनाथ ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को नेता प्रतिपक्ष पद से हटने के लिए लेटर लिखा था, जिसे ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की तरफ से गुरूवार को स्वीकार कर लिया गया है। हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कमलनाथ बने रहेंगे।

पिछले कुछ दिनों से पार्टी में अंदरूनी उठापटक को देखते हुए ये तय माना जा रहा था कि कमलनाथ को अपना एक पद छोड़ना पड़ेगा। कमलनाथ ने पद तो छोड़ दिया लेकिन नेता प्रतिपक्ष दिग्विजय के खेमे के विधायक गोविंद सिंह को बनाया गया है। जबकि रेस में कमलनाथ समर्थक सज्जन सिंह वर्मा और बाला बच्चन का नाम भी शामिल था। उधर ज्योदिरादित्य सिंधिया के बाद चंबल का क्षेत्र कांग्रेस के लिए खाली पड़ा था। जिसकी भरपाई कांग्रेस ने गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाकर करने की कोशिश की है। हालांकि गोविंद सिंह क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया के बराबर का कद हासिल कर पाएंगे ये देखने वाली बात होगी। फिलहाल इस फैसले से लगता है कि कांग्रेस ने आगामी 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से कमर कसना शुरू कर दी है।

एक पद छोड़ने का था दबाव

 ये चर्चाएं बहुत पहले से थीं कि दो पद संभाल रहे कमलनाथ को एक पद छोड़ना होगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी बदलने के बाद से ही कमलनाथ पर पद छोड़ने का दबाव था। वो खुद प्रदेशाध्यक्ष का पद अपने पास रखकर नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ेंगे ये भी पहले से ही तय था। हालांकि कमलनाथ अब तक इस फैसले पर आगे बढ़ने से बचते रहे। लेकिन पिछले दिनों उनके दिए एक बयान के बाद फिर ये चर्चाएं तेज हो गईं कि कमलनाथ एक पद छोड़ेंगे। पिछले दिनों कमलनाथ ने कथिततौर पर बयान दिया था कि वो विधानसभा इसलिए नहीं जाते क्योंकि वहां बकवास होती है। उनके इस बयान पर बीजेपी ने भी सियासी हमले तेज कर दिए थे।

दिग्विजय फिर हावी

इस पूरे फेरबदल में एक बार फिर कांग्रेस में दिग्विजय सिंह हावी नजर आए हैं। नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में कमलनाथ समर्थक सज्जन सिंह वर्मा और बाला बच्चन भी शामिल माने जा रहे थे। इसमें भी बाला बच्चन का पलड़ा सबसे मजबूत बताया जा रहा था। लेकिन जीत हुई दिग्विजय सिंह खेमे के गोविंद सिंह की। गोविंद सिंह दिग्विजय सिंह के समर्थक माने जाते हैं। इसके अलावा ग्वालियर चंबल में सिंधिया के रिक्त स्थान को भी भरने के लिए गोविंद सिंह को चुना गया है।

 


 

 

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