गोवा के मुख्यमंत्री ने कुनबी साड़ी को बढ़ावा देने का किया आग्रह
गोवा सियासत गोवा के मुख्यमंत्री ने कुनबी साड़ी को बढ़ावा देने का किया आग्रह
डिजिटल डेस्क, पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोमवार को बुनकरों और लोगों से कुनबी साड़ी को फैशन में लाने का आग्रह किया ताकि इसकी कीमत बढ़ाई जा सके। सावंत ऑफ फार्म प्रोड्यूसर्स ऑर्गनाइजेशन (ओएफपीओ) द्वारा कुनबी हैंडलूम का उद्घाटन करने के बाद कहा। ऐसा माना जाता है कि कुनबी जनजाति की पारंपरिक पोशाक शैली कुनबी साड़ी पुर्तगालियों द्वारा गोवा पर कब्जा करने से पहले भी मौजूद थी। कुनबी साड़ी को जीवन का एक पट्टा मिला जब प्रख्यात गोवा फैशन डिजाइनर स्वर्गीय वेंडेल रॉड्रिक्स ने फैशन रैंप पर इसे बढ़ावा दिया।
सावंत ने कहा कि कुनबी साड़ी को और बढ़ावा दिया जाए और उसके लिए उत्पादन बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा, नाबार्ड की पूर्व महाप्रबंधक उषा रमेश ने देखा था कि गोवा में कुछ लोग कुनबी साड़ी बुन रहे थे, जो विलुप्त होने के कगार पर थी। उन्होंने इसे ऑनलाइन प्रचार और विपणन करना शुरू कर दिया। इस प्रकार इसका मूल्य बढ़ गया है। सावंत ने कहा, कुनबी साड़ियों की बुनाई के लिए हमारे पास कोरगाओ और संगुम में केवल दो केंद्र थे। इन केंद्रों को कई सालों तक दरकिनार कर दिया गया था। लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने कुनबी साड़ी को पुनर्जीवित करने का निर्देश दिया।
इन साड़ियों को सार्वजनिक करने और मूल्य बढ़ाने की आवश्यकता थी। हमने कुनबी शॉल का भी उपयोग करना शुरू कर दिया है और अधिकतम सरकारी समारोह में हमने इसे बढ़ावा दिया और कुनबी साड़ी उपहार में दी। सावंत ने कहा कि कुनबी साड़ी की कीमत 1000 रुपये से बढ़कर 2500 रुपये हो गई है और अगर इसे और बढ़ावा दिया जाए तो इसकी अच्छी कीमत मिल सकती है।
उन्होंने कहा, अगर हम इसे फैशन और मार्केटिंग के रूप में सार्वजनिक रूप से व्यवस्थित तरीके से पेश करते हैं तो इसकी कीमत 5000 रुपये तक जा सकती है। उन्होंने कहा, शाल और साड़ियों के उत्पादन के लिए गांववार समूहों का गठन किया जा सकता है। इसे एक अच्छा बाजार मिल सकता है, चाहे वह ऑनलाइन हो या हस्तशिल्प (शोरूम)।
उन्होंने कहा कि कोरगाओ और संगुम में हथकरघा को पुनर्जीवित किया जाएगा। उन्होंने कहा, अगर निजी क्षेत्र के निवेशक आने लगे तो हम भी आपको काम मुहैया करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सांगुम विधानसभा क्षेत्र में लगभग 16,000 वर्ग मीटर भूमि में हस्तशिल्प गांव स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा, हमने यह जमीन भारत सरकार को दी है। इसने 10 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। शेष 10 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा निवेश किए जाएंगे। इसे एक प्रशिक्षण केंद्र और शोरूम के साथ रखा जाएगा।
(आईएएनएस)
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