राहुल की जातिगत जनगणना की मांग पर गहलोत की चुप्पी उठा रही कई सवाल
जयपुर राहुल की जातिगत जनगणना की मांग पर गहलोत की चुप्पी उठा रही कई सवाल
डिजिटल डेस्क, जयपुर। एक तरफ जहां कांग्रेस ने हाल ही में जाति आधारित जनगणना की पैरवी करते हुए केंद्र से आंकड़े जारी करने और आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा हटाने की मांग की, ताकि इससे वंचितों को मदद मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ इस पर कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान मामले पर शांत है और अभी तक अपना बयान जारी नहीं किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभी तक राहुल गांधी की मांग पर कोई बयान नहीं दिया है और इस मुद्दे पर उनकी चुप्पी की चर्चा राजनीतिक हलकों में हो रही है।
दिग्गज नेताओं ने कहा, गहलोत आगामी राजस्थान विधानसभा चुनावों में अपनी सरकार को सत्ता में वापस लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। यह एक चुनावी राज्य है, जहां कांग्रेस सरकार का शासन है। इसलिए इस समय इस तरह का कोई भी बयान जारी करना बड़ी भूल हो सकती है। अन्य नेताओं ने कहा कि गहलोत खुद इस शो का नेतृत्व कर रहे हैं और उन्होंने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की घोषणा कर एक विरासत स्थापित की है, जिसने राष्ट्रीय पहचान बनाई है। वह अपने काम के साथ शो का नेतृत्व कर रहे हैं, न कि जाति-आधारित मांगों से, और इसलिए वह चुप रहना चाहते हैं।
एक गुर्जर नेता ने कहा, राजस्थान में आरक्षण के मुद्दे ने पहले ही एक राष्ट्रीय चुनौती पैदा कर दी थी, जब गुर्जरों ने आरक्षण की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया था। काफी विचार-विमर्श के बाद, एमबीसी कोटे के तहत इस मुद्दे को सुलझाया गया। इसलिए मुख्यमंत्री इस बार भानुमती का पिटारा नहीं खोलना चाहते हैं। दलितों और आदिवासियों को उनकी आबादी के आधार पर ज्यादा कोटा देने की मांग करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वंचितों को आर्थिक और राजनीतिक ताकत की जरूरत है, खाली शब्दों की नहीं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जातिगत जनगणना की मांग करते हुए पत्र लिखा और कहा कि इस तरह के आंकड़ों के बिना सार्थक सामाजिक न्याय और अधिकारिता कार्यक्रम अधूरे हैं।
(आईएएनएस)
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