गहलोत ने एससी, एचसी वकीलों की अत्यधिक फीस पर चिंता व्यक्त की

राजस्थान मुख्यमंत्री गहलोत ने एससी, एचसी वकीलों की अत्यधिक फीस पर चिंता व्यक्त की

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-16 17:00 GMT
गहलोत ने एससी, एचसी वकीलों की अत्यधिक फीस पर चिंता व्यक्त की

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के वकीलों की अत्यधिक फीस पर चिंता जताई और कहा कि कई न्यायाधीश फेस वेल्यू को देखते हुए अपना फैसला सुनाते हैं। उन्होंने यह बात राजस्थान की राजधानी में आयोजित राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएससए) के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमण भी मौजूद थे।

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गहलोत का समर्थन किया और कहा: जो अमीर हैं, उन्हें पैसे देकर अच्छे वकील मिलते हैं। आज सुप्रीम कोर्ट में कई वकील हैं जिन्हें आम आदमी अफॉर्ड नहीं कर सकता। एनएएलएससए का राष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार को जयपुर में हुआ जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के वकीलों की महंगी फीस के मुद्दे पर चर्चा हुई। गहलोत और रिजिजू ने एक स्वर में वकीलों की महंगी फीस पर चिंता व्यक्त की।

जयपुर एग्जिबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में शनिवार को मौजूद सीजेआई और देशभर के हाईकोर्ट के जजों की मौजूदगी में गहलोत ने मोटी फीस को लेकर वकीलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा: गरीब आदमी आज सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सकता। इसे कौन ठीक कर सकता है? यह समझ से परे है। गहलोत ने कहा कि फीस की सीमा तय करने की जरूरत है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, 1 करोड़, 80 लाख, 50 लाख..पता नहीं देश में क्या हो रहा है। मैंने एक बार यह मुद्दा उठाया था। इस स्थिति के बारे में भी सोचें। एक समिति बनाएं। कोई रास्ता होना चाहिए।

उन्होंने कहा, अगर जज भी फेस वेल्यू देखकर अपना फैसला सुनाते हैं, तो आदमी क्या करेगा? अगर ऐसा कोई विशेष व्यक्ति एक वकील को खड़ा करता है, तो जज प्रभावित होंगे। अगर ऐसा है तो आपको भी यह समझना होगा। गहलोत ने कहा कि संविधान की रक्षा करना हम सबका कर्तव्य है। किरेन रिजिजू ने कहा: अगर एक वकील प्रत्येक मामले में सुनवाई के लिए 10 से 15 लाख रुपये लेता है, तो आम आदमी को यह कहां से मिलेगा। कोई अदालत केवल प्रभावशाली लोगों के लिए नहीं होनी चाहिए। यह हमारे लिए चिंता का विषय है। मैं मेरा मानना है कि न्याय का द्वार हमेशा सबके लिए समान रूप से खुला होना चाहिए।

(आईएएनएस)

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