राकांपा के साथ संभावित गठबंधन को लेकर गुजरात कांग्रेस में घमासान
गुजरात सियासत राकांपा के साथ संभावित गठबंधन को लेकर गुजरात कांग्रेस में घमासान
डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। गुजरात के दो जिलों आणंद और पोरबंदर के कांग्रेस कार्यकर्ता राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ संभावित गठबंधन के खिलाफ में बोलने लगे हैं। पार्टी के जिला नेतृत्व का कहना है कि राष्ट्रीय नेतृत्व के फैसले के आगे वे बेबस हैं। स्थानीय नेताओं का कहना है कि राकांपा के साथ गठबंधन से पार्टी को फायदा होने से ज्यादा नुकसान होगा।
इस तरह का पहला बिगुल पोरबंदर जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नाथभाई ओडेदरा ने फूंका। शुक्रवार को मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने घोषणा की कि वह राकांपा के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की अनुमति नहीं देंगे। अगर पार्टी गठबंधन के लिए जाती है, तो वह कम से कम छह से सात विधानसभा सीटों पर पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने के लिए काम करेगी, जहां मेर समुदाय का दबदबा है।
ओडेदरा कथित तौर पर कुटियाना निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने में रुचि रखते हैं, जो गठबंधन में एनसीपी के पास जाता है और जहां से कंधल जडेजा एनसीपी उम्मीदवार के रूप में पिछले दो कार्यकालों के लिए चुने गए थे। जडेजा का आपराधिक इतिहास है, उनकी मां संतोकबेन जडेजा को गॉडमादर का उपनाम मिला था। उन्होंने राज्यसभा चुनाव में पार्टी व्हिप की अवहेलना करते हुए कांग्रेस उम्मीदवारों के बजाय भाजपा उम्मीदवारों को वोट दिया था। पोरबंदर जिला समिति के अध्यक्ष रामभाई ओडेदरा ने आईएएनएस से कहा, हम पार्टी के राज्य नेतृत्व को सबसे अधिक सुझाव दे सकते हैं कि राकांपा के साथ गठबंधन न करें, क्योंकि स्थानीय कार्यकर्ता इसके पक्ष में नहीं हैं। अंतिम फैसला राज्य या राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा।
राकांपा के साथ समस्या यह है कि गुजरात में उसका कोई जनाधार नहीं है, फिर भी उसकी प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जयंत पटेल आणंद जिले में पड़ने वाली उमरेठ सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जो कांग्रेस का गढ़ है। आनंद जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेंद्रसिंह परमार ने बताया कि उन्हें उमरेठ सीट से चुनाव लड़ने की इजाजत देकर पार्टी के नेता पार्टी कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित कर रहे हैं।
उन्होंने आईएएनएस को बताया कि उमरेठ निर्वाचन क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने मध्य गुजरात के लिए एआईसीसी पर्यवेक्षक उश नायडू को अपनी चिंता व्यक्त की है। परमार का मत है कि पार्टी को कार्यकर्ताओं की इच्छाओं का सम्मान करना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे और पार्टी कार्यकर्ता किसी भी गठबंधन पर राज्य और राष्ट्रीय नेतृत्व के फैसले का सम्मान और पालन करेंगे।
(आईएएनएस)
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