डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। गुपकर घोषणापत्र को पाकिस्तान की तरफ से सराहे जाने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अब्दुल्ला ने कहा कि "हम किसी के हाथों की कठपुतली नहीं हैं।" दरअसल, जम्मू- कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के केन्द्र के कदम के खिलाफ छह राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर गुपकर घोषणा पत्र जारी किया था। इसी घोषणा पत्र की पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने तारीफ की थी।
शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस और तीन अन्य दलों ने जो घोषणापत्र जारी किया है वो कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि अहम घटनाक्रम है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री के इस बयान का जवाब देते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कतहा कि "मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हम किसी के हाथों की कठपुतली नहीं हैं, न तो नई दिल्ली के और न ही सीमा पार किसी के। हम जम्मू-कश्मीर की जनता के प्रति जवाबदेह हैं और उनके लिए काम करेंगे। अब्दुल्ला ने ये भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दल अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण ढंग से लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने पाकिस्तान से हथियारबंद लोगों को कश्मीर भेजने से रोकने का आग्रह किया।
5 अगस्त को हटाई गई थी धारा 370
बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से जम्मू कश्मीर पर एक एतिहासिक फैसला लिया गया था। सरकार ने जम्मू कश्मीर में से धारा 370 और 35A को हटाने और राज्य को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने का ऐलान किया था। गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जानकारी दी कि राज्य में लागू धारा 370 को हटाया जा रहा है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून को राज्य से हटाया गया और राज्य को दो हिस्सों में बांट दिया गया। जम्मू-कश्मीर राज्य में किए गए इस बड़े बदलाव के चलते वहां बड़ी तादाद में सैनिकों को तैनात किया गया था जिसे अब हटा लिया गया है।