नायर ने केजरीवाल के साथ वीडियो कॉल की व्यवस्था की, सरकारी बंगले पर कब्जा किया व हितधारकों को धमकाया: ईडी

दिल्ली आबकारी नीति घोटाला नायर ने केजरीवाल के साथ वीडियो कॉल की व्यवस्था की, सरकारी बंगले पर कब्जा किया व हितधारकों को धमकाया: ईडी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-03 07:30 GMT
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में दायर आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि आरोपी विजय नायर ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ एक सह-आरोपी की वीडियो कॉल की व्यवस्था की थी। वह मंत्री कैलाश गहलोत को आवंटित सरकारी बंगले में रह रहा था। ईडी ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि विजय नायर ने ही इस घोटाले को अंजाम दिया था। गौरतलब है कि विजय नायर दिल्ली शराब घोटाला मामले में इस समय जेल में है।

ईडी ने कहा कि नायर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी हैं और आबकारी नीति से जुड़े मामलों पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ उसकी चर्चा होती थी।

नायर ने अपने बयान के अनुसार, अरविंद केजरीवाल के कैंप कार्यालय से कार्य किया।

नायर, 2020 से, कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत को आवंटित सरकारी बंगले में रह रहा है, जो आबकारी नीति 2021-22 के जीओएम का हिस्सा हैं।

गहलोत नजफगढ़ के एक अन्य निजी आवास में रहते हैं।

नायर ने अरविंद केजरीवाल के साथ इंडो स्पिरिट्स के मालिक/नियंत्रक समीर महेंद्रू की एक बैठक आयोजित की थी और जब यह बात नहीं बनी तो उन्होंने समीर और अरविंद केजरीवाल के लिए अपने फोन पर फेसटाइम के माध्यम से एक वीडियो कॉल की व्यवस्था की। वीडियो कॉल में, अरविंद ने समीर से कहा कि विजय उसका बेटा है और समीर को उस पर विश्वास करना चाहिए और उसके साथ चलना चाहिए।

ईडी ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि नायर आप के लिए मीडिया और संचार के प्रभारी हैं, दिल्ली सरकार में उनकी कोई भूमिका नहीं है। जार्चशीट में कहा गया है, वास्तव में उन्होंने 2021-22 की आबकारी नीति में अनुकूल परिणामों (नीति परिवर्तन) के बदले दिल्ली शराब कारोबार में विभिन्न हितधारकों से रिश्वत लेने के लिए आप के शीर्ष नेताओं की ओर से दलाल के रूप में काम किया, जिसका मसौदा तैयार किया जा रहा था।

चार्जशीट में कहा गया है, उन्होंने (नायर) उन हितधारकों को भी धमकी दी, जो उनकी मांगों से सहमत नहीं थे। नायर ने हितधारकों से कहा कि अगर वे उनकी मांगों को नहीं मानते हैं तो उनके द्वारा उपयुक्त/वांछित बदलाव नहीं हो सकते हैं।

(आईएएनएस)

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