कांग्रेस के सैफुद्दीन सोज ने अनुच्छेद 370 की टिप्पणी को लेकर आजाद पर निशाना साधा

जम्मू कश्मीर कांग्रेस के सैफुद्दीन सोज ने अनुच्छेद 370 की टिप्पणी को लेकर आजाद पर निशाना साधा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-12 12:00 GMT
कांग्रेस के सैफुद्दीन सोज ने अनुच्छेद 370 की टिप्पणी को लेकर आजाद पर निशाना साधा

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज ने सोमवार को एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर में कई लोग महसूस करते हैं कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का नैरेटिव भाजपा से अलग नहीं है, जिन्होंने हाल ही में अपनी पार्टी लॉन्च करने के लिए कांग्रेस से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा ,मुझे और दुख होता है कि जम्मू-कश्मीर राज्य में बहुत से लोगों ने महसूस किया है कि गुलाम नबी आजाद का नैरेटिव भारतीय जनता पार्टी के नैरेटिव से अलग नहीं है!

सोज ने कहा कि अगर आजाद इतिहास के छात्र होते, तो उन्हें पता होता कि प्राथमिक प्रस्ताव यह है कि लोग हमेशा लक्ष्य के बजाय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने संघर्ष की जीवन शक्ति के लिए जाने जाते थे। सोज ने कहा, मेरी जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार के पास 5 अगस्त, 2019 को एकतरफा रूप से भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का कोई अधिकार नहीं था। केंद्र सरकार ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह संवैधानिक मूल्यों के बजाय बाहुबल में अधिक विश्वास करती है!

केंद्र सरकार की ओर से उस अड़ियलपन की तारीख के बाद से, यानी, 5 अगस्त, 2019 जब उसने भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया, जम्मू-कश्मीर राज्य के लोगों ने संवैधानिक स्थिति की बहाली के लिए एक लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और निरंतर संघर्ष शुरू कर दिया है। सोज ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा के राजनीतिक वर्ग की प्रमुख पार्टी ने भी भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। गुलाम नबी आजाद ने रविवार (11 सितंबर) को कहा कि उन्होंने अपने नए राजनीतिक एजेंडे में धारा 370 को बहाल करने का वादा नहीं किया है क्योंकि वह झूठे वादे करने में विश्वास नहीं करते हैं।

उत्तरी कश्मीर के बारामूला शहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा, अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए लोकसभा में लगभग 350 वोट और राज्यसभा में 175 वोटों की आवश्यकता होगी। कांग्रेस 50 से कम सीटों पर सिमट गई है और अगर वे धारा 370 को बहाल करने की बात करते हैं, तो वे झूठे वादे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके राजनीतिक एजेंडे में स्थानीय लोगों के लिए राज्य का दर्जा, भूमि और नौकरियों की बहाली शामिल है क्योंकि ये प्राप्त करने योग्य उद्देश्य हैं।

 

(आईएएनएस)

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