कांग्रेस ने गोवा में म्हादेई मुद्दे पर राज्यभर में जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया
पणजी कांग्रेस ने गोवा में म्हादेई मुद्दे पर राज्यभर में जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया
डिजिटल डेस्क, पणजी। कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने रविवार को उत्तरी गोवा के नानोरा वालपोई में म्हादेई नदी की पूजा की और तटीय राज्य के लोगों में अपने अस्तित्व की लड़ाई के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए आशीर्वाद मांगा। म्हादेई जागोर कार्यक्रम के तहत 16 जनवरी से संक्वेलिम विधानसभा क्षेत्र के विर्दी अमोना में जनांदोलन की सफलता के लिए पूजा-अर्चना कर राज्यभर से कांग्रेस कार्यकर्ता महादेई का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। इस मौके पर कांग्रेस की गोवा इकाई के अध्यक्ष अमित पाटकर, विधायक कार्लोस अल्वारेस फरेरा और उनके समर्थक मौजूद थे।
कांग्रेस नेता अमरनाथ पंजिकर के मुताबिक, म्हादेई से कलश में एकत्रित जल को गोवा के सभी इलाकों में ले जाया जाएगा और लोगों को जागरूक किया जाएगा। पंजिकर ने कहा, अगर कर्नाटक पानी को मोड़ देता है, तो गोवा को नुकसान होगा और पीने योग्य पानी नहीं मिलेगा। हम लोगों को इस मुद्दे से अवगत कराने के लिए हर जगह का दौरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने विवादित कलासा-भंदूरी बांध परियोजना के लिए कर्नाटक की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है, इसलिए गोवा के लोगों को इसे वापस लेने के लिए संघर्ष करना होगा। उन्होंने यह कहते हुए सरकार की भी आलोचना की कि वह मां के रूप में पूजनीय म्हादेई की रक्षा करने में विफल रही। उन्होंने कहा, हमें मां म्हादेई के महत्व को जानने की जरूरत है।
विधायक कार्लोस अल्वारेस फरेरा ने कहा कि हमारा दुश्मन वह है जो महादेई को लूट रहा है। उन्होंने कहा, मैं लोगों से आगे आने और इस आंदोलन का समर्थन करने की अपील करता हूं। हमें म्हादेई को बचाने की जरूरत है। पाटकर ने गोवा के लोगों से भी आंदोलन का समर्थन करने और सोमवार को होने वाली जनसभा सांखली में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा, कांग्रेस हमेशा म्हादेई के मुद्दे पर मुखर रही है। अब भी, हम इस मुद्दे के लिए लड़ेंगे और अपनी महादेई को बचाएंगे।
इस बीच, सोमवार को विपक्ष द्वारा बुलाए गए विधानसभा सत्र और जनसभा से पहले, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए उन्हें म्हादेई मुद्दे से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। सावंत ने कहा, विपक्ष - जो अतीत में महादेई के लिए लड़ने में विफल रहा है, इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है।
सावंत ने कहा, हमने केंद्र सरकार से महादेई जल प्रबंधन प्राधिकरण के तत्काल गठन के लिए आग्रह किया है जैसा कि पुरस्कार में दिया गया है और सीडब्ल्यूसी द्वारा स्वीकृत डीपीआर को वापस लेने का भी आग्रह किया है। इससे पहले सावंत के संबोधन में जल संसाधन मंत्री सुभाष शिरोडकर ने म्हादेई मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि सरकार म्हादेई की रक्षा के लिए सभी प्रयास कर रही है।
(आईएएनएस)
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