सरकार में साझीदार कांग्रेस भविष्य की भूमिका तय करने के लिए 20 से 23 तक करेगी मंथन, राहुल गांधी ऑनलाइन जुड़ेंगे
झारखंड सरकार में साझीदार कांग्रेस भविष्य की भूमिका तय करने के लिए 20 से 23 तक करेगी मंथन, राहुल गांधी ऑनलाइन जुड़ेंगे
डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड की सरकार में साझीदार कांग्रेस अपनी भूमिका और भविष्य के रास्ते नए सिरे से तय करने की कवायद में जुटी है। इस मकसद से प्रदेश कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर गिरिडीह जिले के पारसनाथ जैन तीर्थ क्षेत्र में 20 फरवरी से शुरू हो रहा है। शिविर के उद्घाटन सत्र में पार्टी के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी ऑनलाइन जुड़ेंगे।
कांग्रेसी इसे लेकर उत्साहित है। कम से कम बीते दस वर्षों के दौरान कांग्रेस पहली बार ऐसा शिविर आयोजित कर रही है। इसमें प्रदेश के चुनिंदे 150 डेलीगेट्स शिरकत करेंगे। झारखंड कांग्रेस के प्रभारी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय ने राष्ट्रीय नेतृत्व और स्थानीय नेताओं-कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श के बाद शिविर की पूरी रूपरेखा तैयार की है।
अविनाश पांडेय ने बताया कि झारखंड में पार्टी के घोषणा पत्र पर किस हद तक काम हुआ है और जनता से किये गये वादों को धरातल पर प्रभावी तरीके से उतारने में आगे जिन चुनौतियों से जूझना है, उनपर मंथन होगा। जाहिर है, राहुल गांधी का मार्गदर्शन इसमें सबसे अहम होगा। वह पार्टी के डेलीगेट्स से सीधा संवाद करेंगे। पार्टी की नीतियों और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर परिचर्चा के लिए चिंतन शिविर में शिक्षाविदों को भी आमंत्रित किया गया है। शिविर के दौरान सात अलग-अलग सत्र होंगे।
झारखंड में सरकार के साथ साझीदारी में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का मुद्दा हाल के दिनों में प्रमुखता के साथ उठा है। चिंतन शिविर में इसपर पार्टी अपना स्टैंड तय करेगी। राज्य की स्थानीय नीति और भाषा से जुड़े मसले पर पार्टी अब तक साफ स्टैंड तय नहीं कर पाई है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की का कहना है कि शिविर में मंथन के बाद ऐसे मुद्दों पर एक ठोस राय बनेगी, यही उम्मीद है।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा है कि झारखंड राज्य की स्थापना से पहले कांग्रेस ने आदिवासी समुदाय तथा स्थानीय लोगों के साथ-साथ इस क्षेत्र में रह रहे अन्य लोगों के लिए विकास योजनाओं की नींव रखी थी। झारखंड में सबसे अधिक समय तक सत्ता में रहने वाली भाजपा ने यहां के संसाधनों का शर्मनाक तरीके से दुरुपयोग किया।
इसी वजह से राज्य में विकास का वातावरण तैयार नहीं हो सका और न ही विकास के लिए प्राथमिकताएं तय हो पाई। एक ही समय में गठित हुए छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड में जब भी कांग्रेस की सरकारों और मुख्यमंत्रियों को मौका मिला, उन्होंने विकास की मजबूत रूपरेखा तैयार की। आगामी 20 से 23 फरवरी तक आयोजित हो रहे शिविर में ऐसे मुद्दों पर सात सत्रों में मंथन के आधार पर आगे का रास्ता तय करेगी।
(आईएएनएस)