मेरी अगली स्पीच से डर गए मोदी, मुझे अयोग्य कर मेरी आवाज को दबाया नहीं जा सकता, मैं अपनी तपस्या करता रहूंगा- राहुल गांधी

कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस-राहुल के जवाब मेरी अगली स्पीच से डर गए मोदी, मुझे अयोग्य कर मेरी आवाज को दबाया नहीं जा सकता, मैं अपनी तपस्या करता रहूंगा- राहुल गांधी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-25 07:24 GMT
मेरी अगली स्पीच से डर गए मोदी, मुझे अयोग्य कर मेरी आवाज को दबाया नहीं जा सकता, मैं अपनी तपस्या करता रहूंगा- राहुल गांधी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद राहुल गांधी ने संसद से सदस्यता रद्द करने के बात प्रेस कॉन्फ्रेस की। राहुल गांधी ने पीसी शुरू होते  ही सबसे पहले अड़ानी पर बरसे। उन्होंने अड़ानी और मोदी संबंधों पर प्रहार किया। राहुल ने कहा कि मैंने स्पीकर से अपनी बात रखने के लिए कहा गया,लेकिन मेरी बात को नहीं रखने दिया गया। राहुल ने कहा मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा। राहुल ने कहा मैं किसी से नहीं डरता, मुझे धमका कर चुप नहीं करा सकते है। मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र को बचाने के लिए सवाल पूछता रहूंगा, लड़ता रहूंगा और सवाल करता रहूंगा। गांधी ने कहा कि  भ्रष्ट व्यक्ति को क्यों बचाया जा रहा हैं? राहुल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरे अगले भाषण से डरकर मुझे अयोग्य घोषित किया गया है।

सदस्यता के अयोग्य पर कहा कि मैं संसद में रहूं या न रहूं मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। देश ने मुझे सब कुछ दिया है, इसलिए मैं देश के लिए लड़ता रहूंगा। मैं सवाल पूछ रहा हूं तो ध्यान भटकाने के लिए मुझे अयोग्य किया जा रहा है। राहुल गांधी ने पीसी में कहा कि मैं सावरकर नहीं गांधी हूं मैं माफी नहीं मांगता।

राहुल ने पीसी में आगे कहा कि हिंदुस्तान के लोकतंत्र खतरे में है, उस पर आक्रमण हो रहा है। मैंने स्पीकर को दो- दो बार खत लिखकर समय मांगा, उस चिट्ठे में सब कुछ लिखा था। मुझे समय नहीं दिया गया। स्पीकर से शिकायत का कोई नतीजा नहीं निकला। राहुल ने कहा में देशहित में आवाज उठाता रहूंगा।

गांधी ने कहा ये मामला ओबीसी का नहीं, अड़ानी और मोदी के रिश्ते का मामला है। गांधी ने कहा अड़ानी के पास 20 हजार करोड़ रूपए कैसे आए। मुझे अयोग्य कर मेरी आवाज को दबाया नहीं जा सकता। मैं अपनी तपस्या करता रहूंगा।

कानूनी लीगल वाला मामला बताकर राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट के फैसले पर पीसी में बोलने से मना कर दिया, गांधी ने कहा मैं भारत के लीगल सिस्टम पर विश्वास करता हूं।

 

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