मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
मानहानि मामला मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम मानहानि मामले में हालफिलहाल गुजरात हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया। आपको बता दें गुजरात उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 2019 के मोदी सरनेम मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका पर अपने आदेश को सुरक्षित रखा है। छुट्टियों के बाद जस्टिस हेमंत प्रच्छक फैसला सुनाएंगे।
गुजरात उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 2019 के मोदी सरनेम मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका पर अपने आदेश को सुरक्षित रखा है। छुट्टियों के बाद जस्टिस हेमंत प्रच्छक फैसला सुनाएंगे।
कोर्ट ने तब तक के लिए राहुल गांधी को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार… pic.twitter.com/KYOLn5Pk9L
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 2, 2023
आपको बता दें सूरत कोर्ट से मोदी सरनेम मानहानि मामले में दो साल की सजा खा चुके राहुल गांधी ने सजा पर रोक लगाने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सजा के चलते राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। और उन्हें सरकारी आवास से भी धोना पड़ा। इससे पहले मामले की सुनवाई 29 अप्रैल को हुई थी। उस समय सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख दो मई रखते हुए गांधी के वकील से अपना जवाब पेश करने के लिए कहा था। आज फिर से सुनवाई हुई और फैसले को सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले सूरत की कोर्ट ने मोदी उपनाम से जुड़ी टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि के मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
विवादित बयान
राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक के कोलार में चुनावी प्रचार के दौरान मोदी सरनेम को लेकर विवादित बयान दिया था। रैली में राहुल गांधी ने अपने विवादित बयान में कहा था, 'कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?' इसी को लेकर बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिस पर सूरत की कोर्ट ने सुनवाई करते 23 मार्च को फैसला सुनाया था। अदालत ने गांधी को धारा 504 के तहत दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने तुरंत जमानत देने के साथ फैसले पर अमल के लिए कुछ दिन की मोहलत दी गई थी। लेकिन सजा के चलते गांधी की संसद सदस्यता और सरकारी आवास चली गई। गांधी ने सूरत कोर्ट में दो याचिकाएं भी लगाई जिनमें से एक को कोर्ट ने खारिज कर दिया था, और दूसरी पर तीन मई को सनुवाई होनी है। आपको बता दें अगर राहुल गांधी को शीर्षस्थ कोर्ट से राहत नहीं मिली तो राहुल 2024 और 2029 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे।