यूपी विधान परिषद में कांग्रेस का सूफड़ा साफ, सपा पर भी छाए संकट के बादल
उत्तर प्रदेश यूपी विधान परिषद में कांग्रेस का सूफड़ा साफ, सपा पर भी छाए संकट के बादल
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की हालत पहले से ही खराब थी लेकिन अब और खराब हो चुकी है। कांग्रेस पिछले 2 लोकसभा चुनाव से हार का सामना कर रही है, जिसकी वजह से लोकसभा में कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में भी काबिज नहीं है। वहीं 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार का सामना करने के बाद कांग्रेस का विधान परिषद में सफाया हो चुका है। गौरतलब है कि विधान परिषद में कांग्रेस के एकमात्र सदस्य दीपक सिंह का कार्यकाल आज यानि बुधवार को खत्म होने जा रहा है।
इनका भी हो रहा है कार्यकाल खत्म
कांग्रेस के एकमात्र सदस्य दीपक सिंह के अलावा 11 और सदस्यों का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। इन 11 सदस्यों में भाजपा के 2 सदस्य उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और भूपेंद्र चौधरी शामिल है जिनका कार्यकाल खत्म हो रहा है लेकिन वे पहले ही विधान परिषद के सदस्य के रूप में दोबारा चुने जा चुके है। इनके अलावा बसपा के 3 और समाजवादी पार्टी के भी 6 सदस्यों का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है।
कांग्रेस का हुआ सफाया
यूपी विधान परिषद के 135 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब सदन में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का प्रतिनिधित्व नहीं रहेगा। कांग्रेस के एमएलसी दीपक सिंह का कार्यकाल आज यानि बुधवार को समाप्त हो जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष पद पर संकट
गौरतलब है कि 100 सीटों वाली विधान परिषद में छह जुलाई के बाद समाजवादी पार्टी के केवल 9 सदस्य ही रह जाएंगे। जिनमें पांच सदस्य पुराने हैं जबकि चार सदस्य नए आए हैं। नेता प्रतिपक्ष के लिए 10 प्रतिशत सीटें जरूरी होती है। लेकिन इस वक्त सपा के पास 9 ही सदस्य है। ऐसे में अब विधान परिषद में समाजवादी पार्टी से नेता प्रतिपक्ष का पद छिन सकता है। वर्तमान में समाजवादी पार्टी के लाल बिहारी यादव नेता प्रतिपक्ष हैं। समाजावादी पार्टी इस वक्त यूपी की सियासत में तमाम चुनौती से जूझ रही है।