वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के रूपये को लेकर दिए बयान पर कांग्रेस ने मोदी पर किया हमला, सोशल मीडिया पर भी उड़ा मजाक, जानें एसबीआई के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री की क्या है राय 

वित्तमंत्री के बयान पर बवाल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के रूपये को लेकर दिए बयान पर कांग्रेस ने मोदी पर किया हमला, सोशल मीडिया पर भी उड़ा मजाक, जानें एसबीआई के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री की क्या है राय 

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-17 13:04 GMT

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली।  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अमेरिका दौरे पर दिए एक बयान से विवाद खड़ा हो गया है। डॉलर के मुकाबले रूपये में आ रही लगातार गिरावट को लेकर वित्त मंत्री  ने कहा था कि भारतीय करेंसी रूपया कमजोर नहीं हुआ है बल्कि डॉलर मजबूत हुआ है। उनके बयान के सामने आने के बाद से ही वित्तमंत्री विपक्ष के निशाने पर है। 

दरअसल निर्मला सीतारमण आईएमएफ वर्ल्ड बैंक की सालाना बैठक में भाग लेने अमेरिका दौरे पर गई इसी दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय करेंसी (रुपये) ने दुनिया की कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं  के करेंसी के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा  रूपया गिर नहीं रहा बल्कि हमें यह देखना चाहिए कि डॉलर मजबूत हो रहा है।  वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि मैं यह कहना चाहती हूं कि रूपया में मजबूती आई है।  दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत की मुद्रास्फीति कम है। 

कांग्रेस ने साधा निशाना

सीतारमण के बयान के सामने आने के बाद से सोशल मीडिया में यूजर्स ने वित्तमंत्री पर निशाना साधा है तो वहीं कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कोरोना काल की याद दिलाते हुए लिखा-"आक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई-मोदी सरकार" वित्तमंत्री के बयान के बाद से विपक्ष उनकी आलोचना कर रहा है तो वहीं सोशल मीडिया यूजर्स भी सरकार पर हमला  बोल रहे हैं। हालांकि कुछ अर्थशास्त्री वित्तमंत्री के इस बयान पर सहमति भी जता रहे हैं।

 

एसबीआई के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री ने जताई सहमति 

एबीपी की मानें तो एसबीआई के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री वृंदा जागीरदार ने वित्त मंत्री के बयान पर सहमति जताते हुए कहा कि उन्होंने जो कहा 100 फीसदी सच है। अन्य देशों के करेंसी जिस हिसाब से कमजोर हुए हैं रुपया उतना कमजोर नहीं हुआ। बल्कि दुनिया के सभी देशों के करेंसी के मुकाबले डॉलर मजबूत हुआ है। उन्होंने डॉलर के मजबूत होने के दो कारण गिनाए बताए हैं। पहला कारण ये कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व लगातार ब्याज दरें बढ़ा रहा है। इमर्जिंग देशों से निवेश निकलकर वापस अमेरिका जा रहा है। वहीं दूसरा कारण बताया कि अमेरिका और अन्य देशों में महंगाई दर भारत के मुकाबले बहुत ज्यादा है।     

कई यूजर्स ने ट्वीट करते हुए वित्तमंत्री के बयान पर तंज कसा है। 

 

 

 

 

 

 

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