शिंदे कैबिनेट पर छाए संकट के बादल, ऐन वक्त पर प्लान बदलने से बीजेपी से नाराज बताए जा रहे हैं सीएम एकनाथ शिंदे!

शिंदे की नाराजगी! शिंदे कैबिनेट पर छाए संकट के बादल, ऐन वक्त पर प्लान बदलने से बीजेपी से नाराज बताए जा रहे हैं सीएम एकनाथ शिंदे!

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-08 08:34 GMT
शिंदे कैबिनेट पर छाए संकट के बादल, ऐन वक्त पर प्लान बदलने से बीजेपी से नाराज बताए जा रहे हैं सीएम एकनाथ शिंदे!
हाईलाइट
  • कैबिनेट विस्तार में लगातार देरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  महाराष्ट्र में शिंदे कैबिनेट को लेकर अभी तक मामला उलझा हुआ है। माना जा रहा है कि बीजेपी सरकार अपने वादे से पीछे हट रही है। जिस व जह से सीएम एकनाथ शिंदे ने भी फिलहाल कैबिनेट विस्तार टाल दिया है। बीजेपी के साथ मामला सुलझने तक वो विस्तार के मूड में नहीं हैं। इस मसले पर अब तक सात बार दिल्ली का दौरा भी कर चुके हैं। 

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, "उद्धव ठाकरे सरकार को गिराने के लिए शिंदे के साथ बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने दो वादे किए थे। एक वादा था कि शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा और उनके साथ आए विधायकों को नई सरकार में दो तिहाई मंत्री पद भी दिए जाएंगे। इसलिए अधिकांश शिवसैनिक विधायकों को कैबिनेट मंत्री या जूनियर मंत्री बनने का इंतजार भी है।‘
शिंदो को सीएम बनाकर बीजेपी ने एक वादा तो पूरा कर दिया है। लेकिन कैबिनेट में शिंदे खेमे के लोगों को मंत्री पद देने से पीछ हट रही है। यही वजह है कि कैबिनेट विस्तार में लगातार देरी हो रही है। 
हालांकि सीएम शिंदे हर बार ये दावा करते हैं कि कैबिनेट विस्तार जल्द होगा। पहले से तयशुदा शर्तों पर अगर विस्तार होता है तो दोनों पक्षों क 15-15 विधायक शपथ लेंगे। उपमुख्यमंत्री बनाए गए देवेंद्र फडणवीस को गृहविभाग की कमान दी जा सकती है। अब अटकलें है कि इसी हफ्ते के अंत तक कैबिनेट विस्तार हो सकता है। 
क्यों नाखुश शिंदे?
सूत्रों के अनुसार पहले ये तय हुआ था कि शिंदे के नेतृत्व में सरकार बनेगी।  और, बीजेपी इस सरकार को बाहर से ही समर्थन देगी। लेकिन सरकार गिरते ही बीजेपी का प्लान भी चेंज हो गया। बीजेपी को संभवतः इस बात की फिक्र थी कि शिंदे सरकार में अस्थिरता आई तो बीजेपी की छवि भी खराब होगी. इसी सोच के मद्देनजर बीजेपी ने भी सरकार का हिस्सा बनने का फैसला किया। अब खबर है कि बीजेपी खुद शिंद सरकार में बड़ा हिस्सा मांग रही है। जबकि शिंदे अपने साथ लाए गए विधायकों को ज्यादा से ज्यादा पद देने के ख्वाहिशमंद हैं। 
ये है नाराजगी।
आखिर समय पर योजना में हुए इस बदालव से शिंदे बीजेपी से नाराज बताए जा रहे हैं। लेकिन शिवसेना छोड़कर आने के बाद अब उनके पास सीमित विकल्प ही शेष हैं। इसलिए वो नाराजगी खुलकर जताने में भी असमर्थ हैं। इसलिए फिलहाल वो सारा मसला हल होने तक कैबिनेट विस्तार को टालने के ही पक्ष में बताए जा रहे हैं। 


 

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