मुख्यमंत्री का ऐलान, मिलेगी पूरी बिजली, नहीं कटेंगे अन्नदाताओं के ट्यूबवेल कनेक्शन
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री का ऐलान, मिलेगी पूरी बिजली, नहीं कटेंगे अन्नदाताओं के ट्यूबवेल कनेक्शन
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में औसत से कम बरसात होने से परेशान किसानों को मुख्यमंत्री ने बड़ी राहत दी है। ट्यूबवेल के विद्युत कनेक्शन का बिल बकाया होने के बाद भी कनेक्शन नहीं काटने और ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने शनिवार को मानसून और फसल बोआई की समीक्षा के लिए आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में किसानों को राहत देने के लिए कम बरसात के कारण खराब हुई फसलों की भरपाई कराने की घोषणा की है।
योगी ने कहा कि अन्नदाता किसानों के व्यापक हित को ²ष्टिगत रखते हुए वर्तमान परिस्थितियों में किसानों को अतिरिक्त सहायता दिया जाना आवश्यक है। अत: बकाये के कारण किसानों के ट्यूबवेल बिजली कनेक्शन नहीं काटे जाएं। पॉवर कॉपोर्रेशन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बढ़ाई जाए। इस आदेश का तत्काल अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित करें।
कहा कि ट्यूबवेल की तकनीकी खराबी को हर हाल में 24 से 36 घंटे के भीतर ठीक करा दिया जाए। इसे शीर्ष प्राथमिकता दिया जाना अपेक्षित है। जहां ट्यूबवेल पर निर्भरता ज्यादा है, वहां सौर पैनल लगाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष 20 अगस्त तक प्रदेश में कुल 284 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है, जो कि वर्ष 2021 में हुई 504.10 मिमी और वर्ष 2020 में हुई 520.3 मिमी वर्षा के सापेक्ष कम है। इस बीच एकमात्र चित्रकूट जनपद ऐसा रहा जहां सामान्य (120 फीसद से अधिक) वर्षा हुई। सामान्य वर्षा न होने के कारण खरीफ फसलों की बोआई का कार्य प्रभावित हुआ है। हालांकि 19 जुलाई के बाद हुई बरसात से स्थिति में काफी सुधार हुआ है।
कहा कि अल्प वर्षा के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बीच एक-एक अन्नदाता किसान का हित सुरक्षित रखा जाएगा। खेती-किसानी की जमीनी स्थिति का सूक्ष्मता से आंकलन करते हुए किसानों को हर संभव मदद मुहैया उपलब्ध कराई जाएगी। कम वर्षा के कारण किसानों की फसल को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। इस संबंध में अविलंब सभी विकल्पों को समाहित करते हुए बेहतर राहत कार्ययोजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 33 जनपद ऐसे हैं जहां सामान्य से 40 प्रतिशत से 60 फीसद तक ही वर्षा दर्ज की गई है। जबकि 19 जनपदों में 40 फीसदी से भी कम बरसात हुई है। इन जिलों में खरीफ फसलों की बुवाई प्रभावित हुई है। हमें सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा।
योगी ने कहा कि खरीफ अभियान 2022-23 के अंतर्गत 20 अगस्त की स्थिति के अनुसार प्रदेश में 96.03 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के सापेक्ष 93.22 लाख हेक्टेयर की बोआई हो सकी है, जो कि लक्ष्य का 97.7 फीसद ही है। गत वर्ष इसी तिथि तक 98.9 लाख हेक्टेयर भूमि पर बोआई हो चुकी थी। बोआई लक्ष्य के अनुरूप है, लेकिन कम वर्षा के कारण प्रदेश में फसलों को नुकसान होने की संभावना बनी हुई है। यद्यपि 19-20 अगस्त की बारिश के कारण कई जनपदों में राहत मिली है। इन परिस्थितियों के बीच सभी किसान भाइयों से संवाद-संपर्क बनाए रखा जाए।
योगी बोले वर्षा मापन अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। हमारी किसान हितैषी नीतियां इसके आंकलन पर निर्भर करती हैं। वर्तमान में तहसील स्तरों पर रेन गेज यानी वर्षा मापक यंत्र लगाए गए हैं, इन्हें विकास खंड स्तर पर बढ़ाये जाने की कार्यवाही की जाए। अधिकाधिक वर्षा मापक यंत्रों से वर्षा की और सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।
मौसम का सही अनुमान अलर्ट जनजीवन के व्यापक हित को सुरक्षित करता है। अधिक सटीक अनुमान और तदनुरूप मौसम अलर्ट के लिए कमिश्नरी स्तर पर यंत्र स्थापित किए जाएं।
आकाशीय बिजली के सटीक पूवार्नुमान की बेहतर प्रणाली का विकास जरूरी है। जनहानि/पशुहानि को न्यूनतम रखने के लिए यह जरूरी है। राजस्व एवं राहत कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, रिमोट सेन्सिंग प्राधिकरण, भारतीय मौसम विभाग, केन्द्रीय जल आयोग, केन्द्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण से संवाद-संपर्क बनाएं।
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