कांग्रेस छोड़कर कैप्टन अमरिंदर सिंह बीजेपी के साथ लड़ेंगे आगामी चुनावी
पंजाब कांग्रेस छोड़कर कैप्टन अमरिंदर सिंह बीजेपी के साथ लड़ेंगे आगामी चुनावी
- 1885 से अब तक कांग्रेस ने 64 बार टूटी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब में कांग्रेस छोड़ने के बाद आखिरकार कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को नई पार्टी के चुनावी गठबंधन का ऐलान कर दिया। उन्होंने ये भी साफ किया कि पार्टी के स्तर पर भले ही बात नहीं हुई लेकिन गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के साथ उनकी इस बारे में बात हो चुकी है।
चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फेंस के दौरान बड़ा एलान करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि हमारी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और अकाली दल से बगावत करने वाली ढींडसा की पार्टी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरेंगी। अमरिंदर सिंह ने हाल में राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस पार्टी से इस्तीफे दे दिया। केन्द्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह के बाद आज कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अब इसका ऐलान कर दिया है कि वह भाजपा के साथ चुनाव लडे़ंगे जहां तक सुखदेव सिंह ढींडसा की बात है तो उन्होंने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं।
1885 से अब तक कांग्रेस ने 64 ऐसे बड़े मौके देखे है जब कांग्रेस छोड़ने के बाद नेताओं ने अपनी नई पार्टी बनाई। 1969 में तो कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने इंदिरा गांधी को ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। तब इंदिरा ने अलग कांग्रेस बना ली थी। सोनिया गांधी के अध्यक्ष रहते सबसे ज्यादा फूट पड़ी है। 1998 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी की कमान संभाली थी। तब से लेकर अब तक कांग्रेस की फूट से 26 नए दल बन चुके हैं। जबकि आजादी से पहले कांग्रेस में दो बार दरार पड़ी।उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस नाम से नई पार्टी का गठन किया है। ये भी कहा कि वह पंजाब में अगला चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर लड़ेंगे। 1998 में ममता और 1999 में शरद पवार अलग हुए। ममता ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर टीएमसी बना ली। ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री है।
आगामी चुनावों में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने में सबसे खास बात ये चर्चा बनेंगी कि जो कभी अमरिंदर जिस बीजेपी को पिछले 25 साल से कोसते रहे, आज उन्होंने उसी के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया।