रामचरितमानस पर पहली बार बोली बीएसपी चीफ मायावती, बीजेपी और सपा पर साधा निशाना
राजनीति में धार्मिक बयानबाजी रामचरितमानस पर पहली बार बोली बीएसपी चीफ मायावती, बीजेपी और सपा पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रामचरितमानस विवाद को लेकर बहुजन समाज पार्टी संस्थापक मायावती ने बीजेपी और सपा दोनों ही पार्टियों पर निशाना साधा। बीएसपी चीफ ने विवाद को बनाने के लिए बीजेपी और सपा पर मिलीभगत का आरोप लगाया है।
BJP और SP पर मिलीभगत का आरोप
बीएसपी चीफ मायावती ने कहा, "संकीर्ण राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ के लिए नए-नए विवाद खड़ा करके जातीय व धार्मिक द्वेष, उन्माद-उत्तेजना व नफरत फैलाना, बायकाट कल्चर, धर्मान्तरण को लेकर उग्रता आदि भाजपा की राजनीतिक पहचान सर्वविदित है किन्तु रामचरितमानस की आड़ में सपा का वही राजनीतिक रंग-रूप दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण।
1. संकीर्ण राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ हेतु नए-नए विवाद खड़ा करके जातीय व धार्मिक द्वेष, उन्माद-उत्तेजना व नफरत फैलाना, बायकाट कल्चर, धर्मान्तरण को लेकर उग्रता आदि भाजपा की राजनीतिक पहचान सर्वविदित है किन्तु रामचरितमानस की आड़ में सपा का वही राजनीतिक रंग-रूप दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण।
— Mayawati (@Mayawati) January 30, 2023
बीएसपी प्रमुख ने आगे कहा, "रामचरितमानस के विरुद्ध सपा नेता की टिप्पणी पर उठे विवाद व फिर उसे लेकर बीजेपी की प्रतिक्रियाओं के बावजूद सपा नेतृत्व की चुप्पी से स्पष्ट है कि इसमें दोनों पार्टियों की मिलीभगत है ताकि आगामी चुनावों को जनता के ज्वलन्त मुद्दों के बजाए हिन्दू-मुस्लिम उन्माद पर पोलाराइज किया जा सके।
2.रामचरितमानस के विरुद्ध सपा नेता की टिप्पणी पर उठे विवाद व फिर उसे लेकर भाजपा की प्रतिक्रियाओं के बावजूद सपा नेतृत्व की चुप्पी से स्पष्ट है कि इसमें दोनों पार्टियों की मिलीभगत है ताकि आगामी चुनावों को जनता के ज्वलन्त मुद्दों के बजाए हिन्दू-मुस्लिम उन्माद पर पोलाराइज किया जा सके।
— Mayawati (@Mayawati) January 30, 2023
बीएसपी चीफ ने बीजेपी और सपा पर एकसाथ निशाना साधते हुए कहा, "उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आमचुनाव को भी सपा-भाजपा ने षडयंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया, जिससे ही भाजपा दोबारा से यहाँ सत्ता में आ गई। ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी।
3. उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आमचुनाव को भी सपा-भाजपा ने षडयंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया, जिससे ही भाजपा दोबारा से यहाँ सत्ता में आ गई। ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) January 30, 2023
आपको बता दें समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक निजी न्यूज चैनल को दिए अपने साक्षात्कार में रामचरितमानस को लेकर टिप्पणी की थी, जिसे लेकर देशभर में स्वामी के खिलाफ कई हिंदू संगठनों के साथ साथ बीजेपी ने विरोध करना शुरू कर दिया। साधु संतों के साथ बीजेपी वर्कर्स ने जगह जगह विरोध प्रदर्शन किए वहीं इनके जवाब में मौर्य के समर्थन में ओबीसी महासभा ने भी प्रदर्शन किया।
स्वामी के बयान के बाद उपजे रामचरितमानस विवाद पर बीजेपी और सपा आमने सामने होते नजर आ रहे है। दोनों ही पार्टियों के नेता एक दूसरे पर तीखे हमले कर रहे है। बयानों के बीच ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव बना दिया है। इसे लेकर बीजेपी नेता सपा चीफ और स्वामी पर और आगबबूला हो रहे है। इसी बीच बसपा प्रमुख ने मायावती ने प्रतिक्रिया दी है।