बीजेपी का 23 मार्च को प्रदर्शन, आंगनवाड़ी महिलाओं को लेकर उपराज्यपाल से करेंगे मुलाकात

दिल्ली बीजेपी का 23 मार्च को प्रदर्शन, आंगनवाड़ी महिलाओं को लेकर उपराज्यपाल से करेंगे मुलाकात

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-21 16:00 GMT
बीजेपी का 23 मार्च को प्रदर्शन, आंगनवाड़ी महिलाओं को लेकर उपराज्यपाल से करेंगे मुलाकात
हाईलाइट
  • आशा वर्कर्स को केवल 4000 रुपये दिल्ली सरकार दे रही है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में आंगनवाड़ी महिलाओं को दिल्ली की भाजपा इकाई का साथ मिलता दिख रहा है। भाजपा 23 मार्च को दिल्ली की समस्याओं को लेकर विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। साथ ही आंगनवाड़ी महिलाओं की मांगों पर एक प्रतिनिधिमंडल उपराज्यपाल से भी मुलाकात करेगा।

प्रदेश भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि, दिल्ली सरकार द्वारा आंगनवाड़ी महिलाओं को बर्खास्त करना मानवीयता को शर्मसार करने वाली निंदनीय घटना है। भाजपा कार्यकर्ता दिल्ली की समस्याओं को लेकर 23 मार्च को विधानसभा के बाहर प्रचंड विरोध प्रदर्शन करेंगे। दिल्ली का बेटा कहने वाले केजरीवाल ने पंजाब चुनाव से पहले 1000 रुपये महिलाओं को प्रतिमाह भत्ता देने की बात कही थी और दिल्ली में आंगनवाड़ी महिलाओं को बर्खास्त करने का काम कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि, भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही उपराज्यपाल के पास आंगनबाड़ी महिलाओं की समस्याओं को लेकर जाएगा, जिसमें आंगनबाड़ी महिलाओं के मानदेय को बढ़ाने, आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) को हटाने एवं उनके टर्मिनेशन को वापस करने की तीन सूत्रीय मांगें शामिल हैं। भाजपा सभी आंगनबाड़ी महिलाओं के साथ खड़ी है और जब तक उनका टर्मिनेशन लेटर वापस नहीं लिया जाता तब तक केजरीवाल सरकार के खिलाफ हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

भाजपा ने दिल्ली सरकार से मांग करते हुए कहा कि, सरकार जिन 991 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नौकरी से बर्खास्त किया है, उन्हें तत्काल प्रभाव से वापस लें एवं न्यूनतम वेतन कम से कम 20,000 रुपये देना चाहिए।

सरकार आंगनवाड़ी वर्कर्स को 9600 रुपये और हेल्पर 4800 रुपये दिए जाते हैं और ठीक इसी तरह गेस्ट टीचर को नियमित करने एवं उनकी सैलरी में बढ़ोतरी करने की बात उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कह चुके हैं। वोकेशनल टीचर जिन्हें केजरीवाल सरकार 16000 रुपये तनख्वाह देती है जबकि अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा हो वहां 32000 रुपये दिए जाते हैं। जबकि आशा वर्कर्स को केवल 4000 रुपये दिल्ली सरकार दे रही है।

 

(आईएएनएस)

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