जहरीली शराब से मौतों पर भाजपा ने मांगा नीतीश का इस्तीफा
जहरीली शराब पर राजनीति जहरीली शराब से मौतों पर भाजपा ने मांगा नीतीश का इस्तीफा
डिजिटल डेस्क, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जहरीली शराब त्रासदी के पीड़ितों को मुआवजा देने की घोषणा के कुछ घंटे बाद बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने शराब से हुई मौतों पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाने पर उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा, नीतीश कुमार अब कानूनों में अपने पाल्टीमार दृष्टिकोण पर अमल कर रहे हैं। वह बीमार हो गए हैं और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
चौधरी ने कहा, नीतीश कुमार ने सदन में बयान दिया था कि वह जहरीली शराब से हुई मौतों के बारे में नेताओं को अवगत कराने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे। लेकिन उन्होंने बैठक नहीं बुलाई और खुद मुआवजे का फैसला किया। उनका लोकतंत्र से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें अतीत में पलटू कुमार के नाम से जाना जाता था और उन्होंने कानूनों की परवाह किए बिना फिर से पाल्टीमार योजना को अंजाम दिया है। भाजपा नेता ने कहा, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पूर्वी चंपारण जहरीली शराब त्रासदी में 37 लोगों की जान चली गई, लेकिन राज्य सरकार ने केवल निचले स्तर के अधिकारियों पर कार्रवाई की है। डीजीपी, गृह सचिव और मुख्य सचिव शराब त्रासदी के दोषी हैं, इसलिए उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के गृहमंत्री भी हैं, इसलिए उन्हें पद से इस्तीफा देना होगा।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा, बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों के लिए जदयू-राजद नीत महागठबंधन सरकार जिम्मेदार है। जिस तरह से पूर्वी चंपारण में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है, उसके लिए सरकार के अहंकार और क्रूर चेहरा को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। नीतीश कुमार ने सोमवार को घोषणा की कि अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से जहरीली शराब कांड में जान गंवाने वाले पीड़ितों के परिवार के सभी सदस्यों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
आईएएनएस
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