आम आदमी पार्टी को मिली बड़ी राहत, 22 फरवरी को होंगे मेयर के चुनाव, शीर्ष अदालत ने एमसीडी मेयर चुनाव पर अधिसूचना जारी करने के दिए थे निर्देश

आप को मिली राहत आम आदमी पार्टी को मिली बड़ी राहत, 22 फरवरी को होंगे मेयर के चुनाव, शीर्ष अदालत ने एमसीडी मेयर चुनाव पर अधिसूचना जारी करने के दिए थे निर्देश

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-17 11:12 GMT
आम आदमी पार्टी को मिली बड़ी राहत, 22 फरवरी को होंगे मेयर के चुनाव, शीर्ष अदालत ने एमसीडी मेयर चुनाव पर अधिसूचना जारी करने के दिए थे निर्देश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम चुनाव से जुड़ी बहुत बड़ी खबर आ रही है। आम आदमी पार्टी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने 24 घंटे में दिल्ली मेयर चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी करने का निर्देश दे दिए थे। इसके बाद अब मेयर के चुनाव के लिए 22 फरवरी की तारीख तय हो गई है। दिल्ली में एमसीडी इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मनोनीत सदस्य मेयर चुनाव में वोट नहीं कर सकेंगे क्योंकि उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद आम आदमी पार्टी बड़ी गदगद होती हुई दिखाई दे रही है।

केजरीवाल ने किया था स्वागत

आप के कर्ताधर्ता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का स्वागत किया है और ट्विटर पर लिखा "सुप्रीम का आदेश जनतंत्र की जीत। सुप्रीम का बहुत-बहुत शुक्रिया। ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा। ये साबित हो गया कि एलजी और बीजेपी मिलकर आये दिन दिल्ली में कैसे गैरकानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं।"

तीन बार टला मेयर का चुनाव

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब दिल्ली को अपना नया मेयर मिल जाएगा। लेकिन तीन बार से मेयर चुनाव को लेकर बीजेपी और आप एक दूसरे पर टीका टिप्पणी करते रहे हैं। सबसे पहले 6 जनवरी को मेयर चुनाव होने वाले थे लेकिन सदन में आप और भाजपा के बीच खूब हंगामा हुआ। जिसकी वजह से मेयर का चुनाव नहीं हो पाया था। उसके बाद 26 जनवरी और 6 फरवरी को भी चुनाव होने वाले थे। लेकिन पिछली बार जैसे ही फिर दोनों पार्टियों में हंगामें हुए और एक बार फिर मेयर चुनाव टल गया।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, यह पूरा मामला मनोनीत पार्षदों के लेकर हो रहा है। दिल्ली के उपराज्यपाल ने 10 पार्षदों को नोमीनेट किया था। जिसे भाजपा मेयर चुनाव में वोट डालने के पक्ष में थी। लेकिन आप का कहना था कि यह संविधान के खिलाफ है, मनोनीत पार्षद मेयर चुनाव में भाग नहीं लेंगे। इसी मामले को लेकर दोनों पार्टियां आपस में भिड़ती रही हैं।
 

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