योगी के विरोधी पर बीजेपी को बड़ा भरोसा, सौंप दी बड़ी चुनावी जिम्मेदारी
मोदी-शाह का बड़ा दांव योगी के विरोधी पर बीजेपी को बड़ा भरोसा, सौंप दी बड़ी चुनावी जिम्मेदारी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी विधान सभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी राजनीतिक समीकरण को साधने में जुटी है। यूपी चुनाव से पहले बीजेपी ब्राह्मणों को लेकर बड़ा दांव खेलने जा रही है। माना जा रहा है कि बीजेपी से यूपी का ब्राह्मण नाराज चल रहा है, बीजेपी को अब डर सता रहा है कि कहीं ब्राह्मणों की नाराजगी सत्ता में वापसी के लिए बाधा ना बन जाए। ऐसे में ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करने के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद प्रधान के घर हुई बैठक के बाद एक कमेटी बनाई गई है, जिसके अध्यक्ष शिव प्रताप शुक्ला बनाए गए हैं। गौरतलब है कि शुक्ला व सीएम योगी का हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहा है।
इन नेताओं को ब्राह्मण कमेटी में मिली जगह
आपको बता दें कि यूपी में ब्राह्मणों को साधने के लिए कमेटी में शिव प्रताप शुक्ला के साथ-साथ बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री रहे अभिजात मिश्रा, सांसद डॉ. महेश शर्मा, गुजरात से सांसद राम भाई मोकरिया को भी जगह दी गई है। हालांकि, माना जा रहा है कि यह 4 सदस्यीय कमेटी बढ़ाकर 7 सदस्य बनाई जा सकती है। ऐसे में आने वाले समय में कुछ और नाम जोड़े जा सकते है। बता दें कि यह कमेटी ब्राह्मणों की नाराजगी को लेकर इंटरनल रिपोर्ट पार्टी को सौंपेगी।
एनकाउंटर को लेकर ब्राह्मण खफा
दरअसल, धर्मेंद प्रधान के घर हुई बैठक में सभी ब्रह्मण चेहरों ने बिना किसी का नाम लिए ही यूपी में हुए एनकाउंटर की चर्चा की। सभी ने बिकरू कांड में विकास दूबे के एनकाउंटर को सही ठहराया लेकिन एनकाउंटर के अलावा जितने दूसरे एनकाउंटर हुए इस पर कई लोगों ने इसे ब्राह्मणों की नाराजगी से जोड़ा, हालांकि खुशी दुबे का बिना नाम लिए ही दबी जुबान में खुशी दुबे के जेल में बद होने की चर्चा भी ब्राह्मणों के बीच फैली नाराजगी की अहम वजह बताई गई है। इस पूरे बैठक में रिपोर्ट देने के लिए योगी के धुर विरोधी को कमान सौंपा गया है।
योगी व शिव प्रताप में है छत्तीस का आंकड़ा
आपको बता दें कि बीजेपी आलाकमान ने ब्राह्मण कमेटी की बागड़ोर जिस शिव प्रताप शुक्ला को सौंपी है, वो पूर्वांचल में सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर से आते हैं। बीजेपी में ब्राह्मणों के एक प्रभावी चेहरे के तौर पर वो देखे जाते हैं। पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री भी रहे और इस वक्त राज्यसभा सांसद हैं। शिव प्रताप शुक्ला को पूर्वांचल में बड़ा ब्राह्मण चेहरा जाना जाता है और ब्राह्मण वोट बैंक पर अच्छी पकड़ है।
ब्राह्मणों की नाराजगी को दूर करेंगे शुक्ला?
आपको बता दें कि यूपी सरकार बनने के बाद विपक्ष भी योगी पर हमेशा ठाकुरवाद करने का आरोप लगाता रहा है। अधिकारियों के ट्रांसफर व पोस्टिंग को लेकर भी जातिवाद का आरोप लगता रहा। इन सभी आरोपों के बीच बीजेपी यूपी में ब्राह्मणों की नाराजगी को देखकर काफी डरी हुई है। बीजेपी हाईकमान ने पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण नेता शिव प्रताप शुक्ला को ब्राह्मणों की नाराजगी के कारणों का पता लगाने का जिम्मा सौंपा है।
भाजपा ने शिव प्रताप शुक्ला को ये जिम्मेदारी केवल ब्राह्मणों का वोट साधने के लिए ही नहीं। बल्कि पार्टी की तरफ से बड़ा संदेश दिया गया है कि यूपी में योगी ही नहीं बल्कि उनके विरोधी शिव प्रताप शुक्ला पर भी पार्टी काफी भरोसा करती है। अब शिव प्रताप शुक्ला की अगुवाई में बनाई गयी कमेटी क्या रिपोर्ट देगी? कैसे ब्राह्मणों से नाराजगी दूर करने का उपाय बताती है। हालांकि, सूबे में ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करना बड़ी बात है।