भूटान-भारत संबंध कर रहा चीनी चुनौती का सामना : कांग्रेस
राजनीति भूटान-भारत संबंध कर रहा चीनी चुनौती का सामना : कांग्रेस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि भूटान-भारत संबंध एक चीनी चुनौती का सामना कर रहा है, जो पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भूमि पुल - सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए भी खतरा है। उन्होंने एक बयान में कहा, भूटान और भारत के अब तक के अटूट संबंधों को आक्रामक चीन से चुनौती मिल रही है। हम प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) से आग्रह करते हैं कि वे पर्दे के पीछे न छुपें और यह सुनिश्चित करें कि भूटान के साथ यह बहुत लंबे समय से चली आ रही साझेदारी मजबूत बनी रहेगी और इसे और गहरा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2017 के डोकलाम गतिरोध को एक बड़ी जीत के रूप में पेश किया था, लेकिन तब से चीनी, इस क्षेत्र में एक अभूतपूर्व सैन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण में लगे हुए हैं और भूटानी क्षेत्र के कई किलोमीटर अंदर डोकलाम पठार के नजदीक गांवों और सड़कों का निर्माण भी किया है।
जयराम रमेश ने कहा, यह सर्वविदित है कि निकटवर्ती चुम्बी घाटी भारत के रणनीतिक सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए एक संभावित खतरा है, तथाकथित चिकन नेक जो सात पूर्वोत्तर राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। इस संदर्भ में भूटानी प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग की टिप्पणी कि चीन की तरफ से भूटान में कोई घुसपैठ नहीं हुई है और यह कि अवैध घुसपैठ पर किसी भी चर्चा में बीजिंग का ऐसी ही बात कहना कई चिंताओं को जन्म देता है।
कांग्रेस नेता ने यह भी सवाल किया कि क्या भारतीय और भूटान के इस अटूट विवाद में कोई कमी आई है कि भारत, चीन और भूटान का तिराहा बटांग ला में स्थित है, न कि माउंट गिपमोची पर, जैसा कि चीनी दावा करते हैं? उन्होंने चेतावनी दी कि इससे सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सुरक्षा के लिए गंभीर समस्या खड़ी हो सकती है।
हाल ही में चीनी निर्माण में कथित तौर पर भूटान के अंदर अमु चू नदी बेसिन में एक बारहमासी सड़क शामिल है, जो सिलीगुड़ी कॉरिडोर को देखने वाले झाम्पेरी रिज की तरफ दक्षिण की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा, क्या चीन एक नए कोण से प्रतिष्ठित झमपेरी रिज पर नजर गड़ाए हुए है? भूटान की रक्षा करने और चीनियों को इस महत्वपूर्ण भौगोलिक विशेषता तक पहुंचने से रोकने के लिए भारत क्या कर रहा है? रमेश ने पूछा, मोदी सरकार चीन की नए सिरे से मौखिक, भौगोलिक और सैन्य आक्रामकता का जवाब कब देगी?
(आईएएनएस)
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