राहुल के बयान पर अमेरिका की प्रतिक्रिया, कहा, वाशिंगटन इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करेगा

नई दिल्ली राहुल के बयान पर अमेरिका की प्रतिक्रिया, कहा, वाशिंगटन इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करेगा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-04 10:30 GMT
राहुल के बयान पर अमेरिका की प्रतिक्रिया, कहा, वाशिंगटन इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करेगा

डिजिटिल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका ने लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें राहुल ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के कारण पाकिस्तान और चीन करीब आ गए हैं। द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वाशिंगटन इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करेगा।

व्हाइट हाउस की नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कहा, मैं इसे पाकिस्तानियों और पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) के ऊपर छोड़ता हूं कि वे अपने रिश्ते के बारे में बोलें, लेकिन मैं इस बयान को निश्चित रूप से बढ़ावा नहीं देता हूं। संसद के चालू बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बुधवार को लोकसभा में बोलते हुए, राहुल गांधी ने कहा था कि चीन और पाकिस्तान पर वर्तमान सरकार के रुख ने केवल दो पड़ोसी देशों को भारत के खिलाफ काम करने के लिए एक साथ लाने के लिए काम किया है।

उन्होंने कहा था, भारत का एकमात्र सबसे बड़ा रणनीतिक लक्ष्य चीन और पाकिस्तान को अलग रखना रहा है। लेकिन आपने जो किया है, उससे वह एक साथ आ गए हैं। आपने पाकिस्तान और चीन को साथ ला खड़ा किया है और भारत के लोगों के प्रति इससे बड़ा अपराध आप कर नहीं सकते। चीन के पास एक योजना है। नेड प्राइस ने कहा, पाकिस्तान अमेरिका का एक रणनीतिक सहयोगी देश है। हमारा पाकिस्तान की सरकार के साथ महत्वपूर्ण रिश्ता है। यह एक ऐसा रिश्ता है जिसे हम विभिन्न मोचरें पर तवज्जो देते हैं।

अमेरिका का कहना है कि वह पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है, अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को इस बात पर जोर दिया कि जहां तक वाशिंगटन का संबंध है, अन्य देशों के लिए अमेरिका और चीन के बीच चयन करने की कोई आवश्यकता नहीं है। प्राइस से यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान और चीन अमेरिका द्वारा दरकिनार किए जाने के बाद करीब आ गए हैं, प्राइस ने संवाददाताओं से कहा, हमने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि दुनिया भर के किसी भी देश के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच चयन करने की आवश्यकता नहीं है।

(आईएएनएस)

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