विपक्षी पार्टियों के हर बार आड़े आए अखिलेश, हर बड़े मौके को भुनाने में निकले सबसे आगे!

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 विपक्षी पार्टियों के हर बार आड़े आए अखिलेश, हर बड़े मौके को भुनाने में निकले सबसे आगे!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-26 13:15 GMT
विपक्षी पार्टियों के हर बार आड़े आए अखिलेश, हर बड़े मौके को भुनाने में निकले सबसे आगे!

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव जुट चुके हैं। सूबे में हर तरह से अपने पक्ष में माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अखिलेश यादव अब विपक्षी पार्टियों को मीडिया में पूरी जगह लेने नहीं दे रहे हैं, जैसे ही बीजेपी या कांग्रेस के द्वारा कोई बड़ा आयोजन किया जाता है, तुरंत अखिलेश भी कोई ना कोई बड़ा गेम खेल ही जाते हैं। जिससे सुर्खियों में रहते हैं। गौरतलब है कि जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते सोमवार को सिद्धार्थ नगर से यूपी में 9 मेडिकल कॉलेज की सौगात दी और वाराणसी से पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना अभियान की शुरूआत की। इस दौरान पीएम जहां अन्य कई योजनाओं का शुभारंभ कर पूर्वांचल को साधने की कवायद की थी तो वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव ने लखनऊ से ही पूर्वी यूपी को बड़ा संदेश दिया था। 

मोदी की रैली, सपा में दलबदलू

आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने पूर्वांचल को साधने के लिए एक बड़ा गेम उस दिन खेला था, जिस दिन पीएम नरेंद्र मोदी पूर्वांचल को बड़ी सौगात दे रहे थे। उसी ही दिन अखिलेश यादव ने पूर्वांचल के दिग्गज नेता व ओबीसी समुदाय के बड़े चेहरे राम अचल राजभर और लालजी वर्मा को लखनऊ में प्रेस कॉफ्रेंस कर सपा की सदस्यता दिलाई। जबकि ये दोनों नेता 7 नवंबर को अंबेडकरनगर में होने वाली रैली में शामिल होने वाले थे। माना जा रहा है कि ये दोनो नेता पूर्वांचल से आते है इसलिए अखिलेश ने उस दिन को चुना जिस दिन पीएम मोदी पूर्वांचल को सौगात देने उतरे थे। सपा ने ये काम पहली बार नही किया। इससे पहले भी जब सपा ने सियासी दांव खेला था जब पीएम मोदी बीते 20 अक्टूबर को कुशीनगर पहुंचकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन कर पूर्वांचल के साथ-साथ यूपी चुनावी अभियान का आगाज कर रहे थे। उसी दिन और उसी समय अखिलेश यादव ने भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के प्रमुख के साथ बैठकर गठबंधन की मुहर लगा दी थी। अखिलेश यादव ने सुभासपा पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर से मुलाकात कर साफ संदेश दे दिया था कि पूर्वांचल की सीटों पर पूरा फोकस रहेगा। बता दें कि पूर्वांचल में ओबीसी वोट बैंक सबसे ज्यादा है। जिसका फायदा अखिलेश को मिल सकता है। 

कांग्रेस को भी झटका दे चुके हैं, अखिलेश

यूपी कि सियासत में जहां हर पार्टियां सत्ता वापसी के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। वहीं अखिलेश यादव हर जगह से उनका पत्ता काटने में जुटे हैं। आपको बता दें कि हाल ही में यूपी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने का एलान कर दिया। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई और प्रियंका के इस फैसले ने राजनीति में हवा दे दी। इसी बीच कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और जाट चेहरा पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक और उनके बेटे पूर्व विधायक पंकज मलिक ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के इन दोनों ही नेताओं के सपा में शामिल होने के संभावना है। माना जा रहा है कि यह भी सपा की रणनीति का हिस्सा हैं। ताकि खबर की सुर्खियों में प्रियंका ही अकेले न रहें बल्कि सपा भी लाइम लाइट में रहे। यूपी चुनाव को लेकर अखिलेश की ये रणनीति विपक्षी पार्टियों के सामने चुनौती जरूर खड़ी कर रही है। 

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