अटल जी की तरह अटल हैं उनकी योजनाएं, जिन पर आज भी अमल कर रहा है देश

देश की 'अटल' योजनाएं अटल जी की तरह अटल हैं उनकी योजनाएं, जिन पर आज भी अमल कर रहा है देश

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-24 14:52 GMT
अटल जी की तरह अटल हैं उनकी योजनाएं, जिन पर आज भी अमल कर रहा है देश
हाईलाइट
  • आज भी उनके द्वारा लिये गये कई निर्णयों पर काम किया जा रहा हैं।
  • इनकी योजना का सबसे बड़ा फायदा गांवों को मिला है

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसा नाम है जिसे भारतीय राजनीति में अजातशत्रु और दूरदर्शी नेता कहा जाता है। जिनका जन्म 25 दिसंबर 1924 में मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में हुआ था। देश के तीन बार प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बने। तब उनकी सरकार केवल 13 दिन ही रह पाई और दूसरी बार 1998  प्रधानमंत्री बनें तब उनकी सरकार 13 महिनों तक ही चल पाई। लेकिन 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनें और उनकी सरकार ने पहली बार 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे व्यक्ति जिन्हें एक कुशल वक्ता, राजनेता और संसद में उनके हाजिरजवाबी के लिए जाना जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी जी के प्रधानमंत्रित्व काल को देश के विकास में स्वर्णिम अध्याय  की शुरूआत के रुप में देखा जाता है। उनके शासन काल में कई योजनाएं और ऐसे कदम उठाये गये जो काफी प्रशंसनीय हैं और आज भी उनके द्वारा लिये गये कई  निर्णयों पर काम किया जा रहा हैं। आइये आपको बताते है उनके द्वारा लिए गये कुछ विशेष फैसलों के बारे में.......   

स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना   
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना की शुरूआत देश के चार बड़े महानगरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में की गई। इस परियोजना के अंतर्गत भारत में ऐसे राजमार्ग का निर्माण किया गया जिससे दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ा गया। ऐसा माना जाता है कि अटल जी के शासनकाल में भारत में जितनी सड़कों का निर्माण हुआ इतना केवल शेरशाह सूरी के समय में ही हुआ था।  

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 
भारत सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत 25 दिसंम्बर 2000 को की थी  इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में 500 या इससे अधिक जनसंख्या वाले (रेगिस्तानी और पहाड़ी क्षेत्रों में 250 लोगों की जनसंख्या वाले गांव) सड़क-संपर्क से वंचित गांवों को सड़कों से जोड़ना था। इस योजना के तहत आज भी कार्य किया जा रहा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय से ही इस योजना का नाम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना है।
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा गांवों को मिला है जहां सड़कों की हालत खराब थी, वहां के छोटे किसान सीधे शहरों से जुड़ सकें और उनका आवागमन सुगम हो पाया है।

नदी जोड़ो परियोजना 
एनडीए सरकार बनने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 1999 में  नदी जोड़ो परियोजना  की शुरूआत की थी। इस योजना का उद्देश्य था कि बड़ी-बड़ी नदियों को आपस में जोड़ा जायेगा। हालांकि 2004 में एनडीएन सरकार के जाने के बाद यह योजना फिर ठंडे बस्ते में चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 2012 में निर्देश दिए कि इस  परियोजना  पर समयबद्ध तरीके से काम किया जाना चाहिए। हालांकि अब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ‘नदी जोड़ो परियोजना’ की संकल्पना पर काम किया जा रहा है। राष्ट्रीय महत्व की इस योजना की शुरुआत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की केन-बेतवा नदियों को जोड़ने के साथ हो चुकी है। और इस योजना का देश में नदी जल प्रबंधन की दिशा में इसका लाभ पीढ़ियों तक मिलता रहेगा।

 भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बनाना
जय जवान जय किसान के बाद इस नारे में जय विज्ञान को जोड़ते हुये, जय जवान- जय किसान-जय विज्ञान का नारा देने वाले अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने दुनिया के शक्तिशाली देशों के विरोध के बाद भी 11 और 13 मई 1998 को राजस्थान के  पोखरण में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण कर भारत को एक परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया था। अति विकसित जासूसी उपग्रहों व तकनीकी से संपन्न पश्चिमी देशों को इसके बारे में भनक तक न लगे इसलिए यह परमाणु परीक्षण बहुत ही गोपनीयता से किया गया। लेकिन इसके बाद पश्चिमी देशों ने भारत पर अनेक प्रतिबंध लगाए गए फिर भी वाजपेयी सरकार ने सबका दृढ़तापूर्वक सामना किया और आर्थिक विकास की ऊंचाईयों को छुआ। उनके इस कदम ने भारत विश्व मानचित्र पर एक सुदृढ़ वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। और रक्षा तंत्र के महत्व को समझते हुए भारत सरकार लगातार इस पर काम भी कर रही है।भारत ने हाल ही में S400 एयर डिफेंस सिस्टम को लगभग 35 हजार करोड में खरीदा है। 

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