चाचा नीतीश के बाद भतीजा तेजस्वी भी खुद को राष्ट्रीय चेहरा बनाने की कोशिश में जुटे, आखिर डिप्टी सीएम क्यों कर रहे देशभर के नेताओं से मुलाकात? समझिए इसके सियासी मायने
आम चुनाव से पहले नीतीश और तेजस्वी की रणनीति चाचा नीतीश के बाद भतीजा तेजस्वी भी खुद को राष्ट्रीय चेहरा बनाने की कोशिश में जुटे, आखिर डिप्टी सीएम क्यों कर रहे देशभर के नेताओं से मुलाकात? समझिए इसके सियासी मायने
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीते कुछ समय से बिहार की राजनीति में कयासों का दौर जारी है। कभी कहा जाता है कि विपक्ष की ओर से नीतीश कुमार प्रधानमंत्री चेहरा बनने वाले हैं इसलिए वे अपने कार्यकाल के बीच में ही मुख्यमंत्री का पद तेजस्वी यादव को दे सकते हैं। हालांकि, फिर सीएम नीतीश कुमार इन सभी अटकलों को विराम लगा देते हैं कि 2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। इसके पीछे की बड़ी वजह यह है कि नीतीश कुमार 2024 में पीएम मोदी को टक्कर देने की तैयारी में है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से तेजस्वी यादव भी बेहद एक्टिव दिख रहे हैं। वह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल समेत देशभर के अन्य नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। ऐसे में तेजस्वी यादव को लेकर भी चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
हम सभी को मिलकर देश को बचाना होगा- तेजस्वी
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को तेजस्वी यादव ने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। जिसके बाद उन्होंने कहा कि मैंने केजरीवाल जी से देश की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर बात की। मीटिंग के बाद उन्होंने ट्वीट किया, 'बीजेपी सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों, संसाधनों और देश की संपत्ति को कुछ पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रख दिया है। हम सभी को मिलकर देश को बचाना होगा।' सीएम केजरीवाल से मिलने से पहले तेजस्वी यादव ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राजधानी रांची में जाकर मुलाकात की थी। अंदेशा जताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव 2024 के आम चुनाव में गैर कांग्रेसी दलों की एक साझी रणनीति बनाने की तैयारी में हैं। ऐसे में यह सवाल यह उठ रहा है कि नीतीश कुमार क्या करने वाले हैं? जिनके बारे में चर्चा थी कि वह सीएम का पद छोड़कर राष्ट्रीय राजनीति में उतरेंगे।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 14, 2023
आरजेडी के सूत्रों ने कहीं ये बातें
इन सभी मुद्दों पर आरजेडी के सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी यादव इस वक्त राष्ट्रीय राजनीति में खुद को एक फेस के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं। लालू यादव के गैरहाजिरी में वह सेक्युलर पार्टी के तौर पर अपनी पकड़ बनाना चाहते हैं। साथ ही वह नीतीश कुमार के लिए भी देश की राजनीति में भूमिका तैयार कर रहे हैं। बता दें कि, तेजस्वी यादव ने पिछले कुछ माह में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, के.चंद्रशेखर राव, एमके स्टालिन जैसे नेताओं से मीटिंग की है। इसके अलावा तेजस्वी यूपी के समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव से भी कई बार मुलाकात कर चुके हैं।
तेजस्वी की रणनीति
कुछ दिनों पहले की ही बात है जब शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे जब राजधानी पटना पहुंचे थे, तब तेजस्वी यादव ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया था। सूत्रों के मुताबिक, सीएम नीतीश जल्द ही देशभर में भाजपा के खिलाफ मिशन पर निकल सकते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य राजनीतिक दलों को जोड़ना होगा। अटकलें यह भी लगाई जा रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले वह विपक्षी दलों के बीच एक चेहरे के तौर पर उभर सकते हैं। फिर यदि चुनाव के बाद स्थिति ठीक रहती है तो सभी दलों को साथ लेकर सरकार बनाने पर चर्चा हो सकती है। फिलहाल तेजस्वी की यही दो कोशिश है कि वह बिहार में एक बड़े राजनेता के तौर पर अपनी पहचान बनाये। इसके अलावा उनकी दूसरी कोशिश अगले साल होने वाले आम चुनाव में नीतीश के लिए पिच तैयार करना।