उपचुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी नेतृत्व एक्शन के मूड में!
हिमाचल प्रदेश उपचुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी नेतृत्व एक्शन के मूड में!
डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव व लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी को मिली करारी हार के बाद भाजपा नेतृत्व बेहद गंभीरता से ले रहा है। बता दें कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का गृहराज्य होने के कारण उनके लिए बेहद चिंताजनक की बात है। ऐसे में पार्टी जल्दी ही सत्ता और संगठन को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर फेरबदल कर सकती है।
उपचुनाव में बीजेपी को मिली थी निराशा
बता दें कि पिछले महीने हुए देश के विभिन्न राज्यों में विधानसभा और लोकसभा उपचुनाव में सबसे बड़ी निराशा हिमाचल प्रदेश में ही मिली थी। गौरतलब है कि बीजेपी यहां से तीन विधानसभा उपचुनाव व एक लोकसभा उपचुनाव हार गई थी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि बीजेपी इन सभी सीटों पर पहले काबिज थी बाद में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने इन सभी सीटों को जीतकर अपना कब्जा जमा लिया। बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात यह थी सूबे के सीएम ने अपने गृहनगर की लोकसभा सीट को नहीं बचा पाए थे। जिसको लेकर बीजेपी की बड़ी किरकिरी हुई थी। हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का गृह प्रदेश है, इसलिए पार्टी के भीतर और बाहर इन नतीजों की ज्यादा चर्चा हुई है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा इन नतीजों के साथ पूरे राज्य के हालात की व्यापक समीक्षा भी कर रहे हैं।
केंद्रीय नेतृत्व हिमाचल प्रदेश को लेकर चिंतित
बता दें कि केंद्रीय नेतृत्व इस बात से भी चिंतित है कि राज्य में भाजपा की हार ही नहीं हुई, बल्कि उसके वोट प्रतिशत में भी बड़ी कमी आई है। ऐसे में आने वाला समय चुनौती भरा हो सकता है। पार्टी हार के कारणों की समीक्षा तो कर ही रही है साथ ही भावी बदलाव पर भी विचार किया जा रहा है।
सौदान सिंह की रिपोर्ट पर बीजेपी नेतृत्व लेगा फैसला!
सूत्रों के मुताबिक उत्तर भारत में भाजपा का संगठनात्मक काम देख रहे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह की हिमाचल प्रदेश के बारे में रिपोर्ट काफी अहम साबित होगी। इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व फैसला लेगा। बता दें किहाल में मंडी सीट के प्रभारी महेंद्र सिंह ठाकुर और मंत्री रामलाल मारकंडा से व्यापक ब्योरा भी लिया गया था। पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा कि हाल में कई राज्यों में बड़े बदलाव किए गए हैं, ऐसे में अगर कहीं भी कोई गड़बड़ी नजर आती या कमी नजर आती है तो पार्टी किसी भी तरह का फैसला लेने से पीछे नही हटेंगी। माना जा रहा कि बीजेपी नेतृत्व के यदि कोई बड़ा फैसला लेता है तो हिमाचल प्रदेश में असंतोष बढ़ सकता है। जिसका पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।