देश में 'अडाणी बचाओ सिंडिकेट' चल रहा...: राहुल गांधी का मोदी सरकार पर बड़ा आरोप, कहा - 'कुछ लोगों के हाथों में केंद्रित की जा रही देश की संपत्ति'
- राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया वीडियो
- देश में अडाणी बचाओ सिंडिकेट चलने की कही बात
- माधुरी बुच कांड बताया लोगों की सोच से ज्यादा गहरा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि देश में 'अडाणी बचाओ सिंडिकेट' चल रहा है। उद्योग जगत में चर्चा है कि सेबी (सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) प्रमुख माधबी बुच, सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी को ब्लैकमेल कर रही हैं।
4 मिनट 39 सेकंड लंबी वीडियो क्लिप में राहुल कांग्रेस मीडिया एवं प्रचार विभाग के हेड पवन खेड़ा के साथ चर्चा करते नजर आ रहे हैं। इसमें उनके बीच सेबी प्रमुख माधुरी बुच के कथित हितों को लेकर चर्चा हो रही है।
राहुल ने कहा कि संस्थागत पतन ने अब भाई-भतीजावाद के अधिक खतरनाक स्वरूप 'अडाणी बचाओ सिंडिकेट' को जन्म दिया है। मौजूदा सरकार अब केवल एकाधिकार को बढ़ावा नहीं दे रही है, बल्कि सक्रिय रूप से देश की संपत्ति को कुछ लोगों के हाथों में केंद्रित करने का काम कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि माधुरी बुच कांड लोगों की सोच से ज्यादा गहरा है। हो सकता है कि खुदरा निवेशकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही बुच अडाणी के फायदे के लिए सिस्टम में हेर-फेर कर रही हों।
वीडियो में पवन खेड़ा ने इस मामले में अपने द्वारा की गई पड़ताल के बारे में राहुल को बता रहे हैं। उन्होंने कहा, 'संस्थागत पतन ने अब भाई-भतीजावाद के अधिक खतरनाक स्वरूप 'अडाणी बचाओ सिंडिकेट' को जन्म दिया है। मौजूदा सरकार अब केवल एकाधिकार को बढ़ावा नहीं दे रही है, बल्कि सक्रिय रूप से देश की संपत्ति को कुछ लोगों के हाथों में केंद्रित कर रही है।'
उन्होंने इस मामले पर आगे कहा, "आपने संसद में कुछ समय पहले सवाल उठाया था कि स्टार्टअप में सरकार ने किस-किस को फंड दिया है, उसमें एक कंपनी प्रेडिबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड थी। मैं फिलहाल उसी का उदाहरण दे रहा हूं कि प्रेडिबल हेल्थ को सरकार स्टार्टअप फंड से पैसे देती है। ध्यान देने वाली बात है कि उस कंपनी की फाउंडर मेंबर माधबी बुच हैं। वह स्टार्टअप से पैसा लेती हैं और 16 करोड़ रुपए आईसीआईसी से लेती थीं।"
वीडियो में पवन खेड़ा ये भी बताते हुए नजर आ रहे हैं, "सेबी चेयरमैन माधबी पुरी बुच किसी से नहीं डर रही हैं। उन्हें कोई तो बचा रहा है। ऊपर किसी को डरा रही हैं, इसलिए बच रही हैं। यह पूरा मामला अडानी और हिंडनबर्ग तक जाता है। माधबी पुरी बुच ने एप्वॉइंटमेंट्स कमेटी ऑफ दि कैबिनेट (एसीसी) में नरेंद्र मोदी और अमित शाह को शामिल कर रखा है। सिर्फ उन्हें ही क्यों लेट्रल एंट्री में क्यों रखा है? हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जब आई तब हमें उससे जवाब मिला। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से कमेटी बनाने के लिए कहा था पर जो लोग अडानी और माधबी पुरी बुच के करीबी थी, वे उसमें रखे गए। उन्होंने अडानी को क्लीन चिट दे दी।"
क्यों आरोप लगा रही कांग्रेस?
इसी साल 10 अगस्त को अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की प्रमुख माधबी बुच और उनके पति धवल बुच अडाणी ग्रुप से जुड़ीं ऑफशोर कंपनी में पार्टनर हैं। इससे पहले जनवरी हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडाणी पर ग्रुप के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए ऑफशोर फंड का यूज करने का आरोप लगाया था।
हिंडनबर्ग के इन आरोपों को अडाणी ग्रुप ने सिरे से नकार दिया था। जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और इस मामले की जांच सेबी को सौंपी गई। सेबी ने अपनी जांच में अडाणी ग्रुप को क्लीन चिट दे दी। इसके बाद हिंडनबर्ग ने एक और दावा किया कि माधबी और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ीं ऑफशोर कंपनी में पार्टनरशिप है। हिंडनबर्ग के इन्हीं दावों पर कांग्रेस सेबी प्रमुख, अडाणी ग्रुप और पीएम नरेंद्र मोदी पर आरोप लगा रही है।