लोकसभा चुनाव 2024: बुद्ध पूर्णिमा पर मायावती का संदेश, सत्ता में आए तो सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की नीति पर काम करेगी बीएसपी

  • राजनीतिक स्वार्थ के लिए माथा टेकने का प्रचलन गलत
  • बीजेपी-कांग्रेस पर साधा निशाना
  • सभी देशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई व शुभकामनाएं दी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-23 10:40 GMT

डिजिटल डेस्क, मिर्जापुर। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में आयोजित एक चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधा। रैली को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम ने लोगों से आह्वान किया कि बीजेपी , कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को सत्ता में नहीं आने देना। मायावती ने कहा, भाजपा सरकार की गलत नीतियों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। भाजपा सरकार में गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई लगातार बढ़ रही है। देश में फैला भ्रष्टाचार भी अब तक समाप्त नहीं हुआ है। गुरुवार को मिर्जापुर में आयोजित रैली में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा सत्ता में आने पर उनकी पार्टी बीएसपी 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' की नीति पर काम करेगी।

बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने तथागत गौतमबुद्ध को उनकी जयंती पर नमन किया। सत्य अहिंसा, भाईचारा व मानवता को दुनिया में फैलाकर भारत को जगतगुरु का सम्मान दिलाने वाले तथागत बुद्ध के अनुयायियों को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। बीएसपी चीफ ने गुरुवार को अपने संदेश में कहा कि बुद्ध पूर्णिमा जाति-भेद, हिंसक मनोवृत्ति, द्वेष को जीवन से त्यागने की प्रतिज्ञा दोहराने का दिन है।

मायावती ने कहा कि बीएसपी ने गौतमबुद्ध के आदर्शों पर चलकर उत्तर प्रदेश में चार बार अपनी सरकार, ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ के आधार पर चलाई। उनके आदर्शों पर चलकर सामाजिक परिवर्तन लाने का काफी प्रयास किया, जबकि दूसरे लोग राजनीतिक उद्देश्य के लिए उन्हें माथा टेकते हैं। बुद्ध पूर्णिमा पर बीएसपी ने एक प्रेस नोट भी जारी किया।

यूपी की पूर्व सीएम ने कहा, महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आगे नमन व उनके आगे माथ टेकना अलग बात है, लेकिन इसका इस्तेमाल घोर राजनीतिक स्वार्थ के लिए किए जाने का प्रचलन अनुचित है। दिखावटी व नुमाइशी हरकतों से लोगों का सही भला होने वाला नहीं है। इसीलिए सभी प्रकार के द्वेष, विद्वेष व संकीर्णता को त्यागकर तथागत गौतमबुद्ध के जीवन आदर्श पर थोड़ा सा चलकर समाज हित के साथ खासकर देश को फिर से जगतगुरु बनाने के ईमानदार प्रयास की सख्ती जरूरत है। बसपा प्रमुख ने अपनी तत्कालीन सरकार में गौतमबुद्ध नगकर, श्रवास्ती, कौशांबी व पडरौना का नाम कुशीनगर किए जाने का जिक्र भी किया है।

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