बीजेपी के गठबंधन NDA से टूट कर बना है INDIA, कांग्रेस के साथ जुड़ने से पहले इतने दल दे चुके हैं बीजेपी का साथ!

  • विपक्षी एकता गठबंधन का नाम INDIA होगा
  • अगली बैठक मुंबई में होने की संभावना
  • INDIA में NDA के भी सदस्य शामिल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-19 06:09 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए सियासी पिच तैयार होने लगी है। इसी को देख 17 और 18 जुलाई को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्ष की महा बैठक हुई। जिसमें मोदी सरकार को मात देने के लिए रणनीति तैयार हुई। इस मीटिंग के लिए देश भर की 26 राजनीतिक पार्टियां इकट्ठी हुईं थीं। इस बैठक में सबसे बड़ा फैसला लिया गया कि, अब विपक्षी एकता का यूपीए नहीं बल्कि I.N.D.I.A. नाम होगा। जिसका अर्थ मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारतीय राष्ट्रीय लोकतांत्रिक समावेशी गठबंधन बताया। यूपीए से I.N.D.I.A. हुए विपक्षी एकता में ऐसे भी दल हैं जो बीजेपी कीएनडीए  का अहम हिस्सा रह चुके हैं। ये दल कभी बीजेपी के खासमखास हुआ करते थे लेकिन आज की परिस्थिति बिल्कुल अलग है। हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए से अपना नाता तोड़ राजद और कांग्रेस से मिलकर सरकार बनाई थी। तो आइए बताते है कि गठबंधन I.N.D.I.A. के कितने दल 'NDA' में रह चुके हैं।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)

महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना प्रमुख दलों में से एक है। शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे का बीजेपी से काफी बेहतर संबंध रहे हैं। दोनों दलों के विचार काफी मिलते रहे हैं। लेकिन साल 2019 में महाराष्ट्र की विधानसभा चुनाव के नतीजों के दौरान बीजेपी और शिवसेना अलग हो गई थी। जिसका कारण सीएम की कुर्सी रहा था। लेकिन परिस्थितियां बदली और शिवसेना में दो फाड़ हो गई और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे अपने गुट के साथ बीजेपी से मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली थी। जिसकी वजह से शिवसेना दो गुटों में बंट गई और फिलहाल उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) बीजेपी से अलग और वर्तमान में कांग्रेस के साथ है।

जनता दल (यूनाइटेट)

विपक्षी एकता के सूत्रधार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार है। इनके पहल पर ही विपक्षी एकता की पहली बैठक राजधानी पटना में 23 जून को हुई थी। कुमार एनडीए का हिस्सा रह चुके हैं। लेकिन वो समय-समय पर अपना पाला बदलते रहे हैं। नीतीश कुमार को लेकर कहा जाता है कि, मौसम को देखते हुए सियासी करवट बदलते हैं। बिहार की राजनीति में कोई सा भी दौर आए लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कभी आंच नहीं आई। बीते साल अगस्त के महीने में नीतीश कुमार ने एनडीए से अलग होकर राजद और कांग्रेस से मिलकर सरकार बना ली थी। तब से वो विपक्षी एकता की कवायद कर रहे हैं और आज उनकी पहल पर ही विपक्षी एकता का महाजुटान देखा जा रहा हैै।

तृणमूल कांग्रेस

तृणमूल कांग्रेस भी बीजेपी के एनडीए दल की हिस्सा रह चुकी है। टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेल मंत्री रह चुकी हैं। बाद में ममता की राह अलग हो गई और वे एनडीए से छोड़ यूपीए का हिस्सा बनीं, लेकिन वहां भी ज्यादा दिन तक नहीं रहीं। अब एक बार फिर वे विपक्ष के साथ हैं।

द्रमुक मुनेत्र कड़गम

तमिलनाडु की सबसे प्रमुख पार्टी द्रमुक मुनेत्र कड़गम भी एनडीए दल का हिस्सा रह चुकी है। डीएमके करुणानिधि के दौरान अपना समर्थन एनडीए को दे चुकी है। मौजूदा समय में तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके महा गठबंधन के साथ है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा 

शिबू सोरेन के नेतृत्व वाला झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) भी एनडीए का अहम हिस्सा रह चुका है। मौजूदा समय में झारखंड में जेएमएम की सरकार है, जो कांग्रेस के साथ मिलकर चला रही है। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बने गठबंधन का भी हिस्सा है।

राष्ट्रीय लोक दल

चौधरी अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल एनडीए का हिस्सा रह चुकी है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में चौधरी अजित मंत्री रहे लेकिन कुछ अनबन होने की वजह से यूपीए के साथ चले गए थे। आज उनके बेटे जयंत चौधरी 'इंडिया' गठबंधन के साथ खड़े हैं। 18 जुलाई के बेंगलुरु में हुए विपक्षी एकता की बैठक में शरीक हुए थे।

नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी

जम्मू- कश्मीर की प्रमुख दो पार्टियां नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी भी एनडीए के साथ गठबंधन कर चुकी हैं लेकिन अब विपक्षी एकता के साथ खड़ी हैं। ये दोनों पार्टियां घाटी में एक दूसरे की कट्टर विरोधी भी हैं।

Tags:    

Similar News