Maharashtra Politics Crisis: एनसीपी में दोफाड़ पर जमकर बरसे उद्धव ठाकरे, बीजेपी पर लगाया महाराष्ट्र तोड़ने का आरोप

  • एनसीपी में दोफाड़ को लेकर उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को सुनाया खूब खरी-खोटी
  • शरद पवार और अजित पवार चुनाव आयोग के शरण में पहुंचे

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-07 03:14 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी उठापटक जारी है। इसी बीच शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। उद्धव ठाकरे ने बीते दिन कहा कि, भाजपा ने शिवसेना और एनसीपी को तोड़ दिया और अब महाराष्ट्र को तोड़ना चाहती है। एनसीपी में टूट पर ठाकरे ने अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "वे महाराष्ट्र के खिलाफ हैं। उन्होंने पहले शिवसेना और अब एनसीपी को तोड़ दिया। वे महाराष्ट्र को तोड़ना चाहते हैं।"

एनसीपी नेता अजित पवार के एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने की वजह से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में दोफाड़ हो गई है। इसके बाद से ही चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार में जंग छिड़ी हुई है। दोनों एनसीपी के नेतृत्व के लिए आमने-सामने खड़े हैं। अजित पवार ने खुद को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया है और चुनाव आयोग के पास याचिका दायर कर पार्टी पर अपना दावा ठोंक दिया है। चाचा शरद पवार भी पार्टी नेतृत्व के लिए ईसी के शरण में जा पहुंचे हैं। ये तमाम चीजें वैसे ही घटित हो रही हैं जैसे पिछले साल शिवसेना के साथ हुई थी।

शिंदे को लेकर दावा

महाराष्ट्र सरकार में अजित पवार की एंट्री के बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं कि एकनाथ शिंदे के विधायक नाराज हैं। शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत कई बार इस बात का दावा कर चुके हैं। उनका दावा है कि, एकनाथ शिंदे के 17 से 18 विधायक अजित पवार के आने से बेहद ही नाराज हैं और सभी उनके सपंर्क में हैं। इसके अलावा संजय राउत यह भी दावा कर चुके हैं कि, कुछ ही दिनों के बाद एकनाथ शिंदे की कुर्सी जाने वाली है और प्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिलेगा।

एकनाथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री रहेंगे- शिंदे गुट के विधायक

संजय राउत के इन तमाम दावों को एकनाथ शिंदे गुट के नेता और उद्योग मंत्री उदय सामंत ने सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि, सीएम शिंदे को लेकर जो अटकलें और बयानबाजी हो रही है वो पूरी तरह गलत है। इसमें किसी तरह की कोई सच्चाई नहीं है। महाराष्ट्र में अभी जो कुछ हुआ उसकी पहल सीएम शिंदे ने ही की थी। एकनाथ शिंदे को लेकर जो कयास लगाए जा रहे थे उसको देखते हुए शिंदे गुट के कई विधायकों ने बयान जारी करते हुए कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि एकनाथ शिंदे ही प्रदेश के मुख्यमंत्री रहेंगे।

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